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गुमला में डीलरों का धरना, 10 माह से बकाया कमीशन भुगतान को लेकर प्रदर्शन तेज

#Gumla #DealerProtest : स्मार्ट पीडीएस की खामियों और बकाया भुगतान पर डीलरों का आक्रोश — सरकार को चेतावनी

गुमला में शुक्रवार को जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) संचालकों का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया। फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन झारखंड प्रदेश के आह्वान पर गुमला इकाई ने अपनी लंबित मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया। प्रदर्शन में जिले के 500 से अधिक डीलर शामिल हुए

डीलरों ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले 10 माह से बकाया कमीशन राशि का भुगतान नहीं कर रही है, जबकि वे लगातार उपभोक्ताओं को अनाज वितरण का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा, कोरोना अवधि में किए गए वितरण का भुगतान भी अभी तक लंबित है।

बकाया भुगतान और तकनीकी परेशानियां मुख्य मुद्दा

धरना स्थल पर जिला अध्यक्ष अरखीतानंद देवघरिया और सचिव तनवीर नाज ने बताया कि ग्रीन कार्डधारियों को दिए गए चावल, दाल और नमक का 18 माह का कमीशन अभी तक नहीं दिया गया है। कई डीलरों के लिए यह आर्थिक संकट का कारण बन गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि गंभीर बीमारी या असमर्थता की स्थिति में लाइसेंस हस्तांतरण की प्रक्रिया लंबित पड़ी है, जिससे कई परिवार प्रभावित हो रहे हैं।

अरखीतानंद देवघरिया ने कहा: “स्मार्ट पीडीएस सिस्टम को सरकार ने बिना तैयारी के लागू कर दिया है। आज भी व्यवस्था 2G नेटवर्क पर आधारित है, जबकि 5G का जमाना है। इससे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में दिक्कतें आ रही हैं।”

डीलरों ने इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन की रिपेयरिंग पर अनावश्यक खर्च का भी मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि पांच साल तक मेंटेनेंस चार्ज नहीं लेने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन नियमों का पालन नहीं हो रहा।

ज्ञापन सौंपा, चेतावनी भी दी

धरना प्रदर्शन के दौरान डीलरों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे मुख्यमंत्री और खाद्य आपूर्ति मंत्री के आवास का घेराव करेंगे

धरना स्थल पर डीलरों ने “डीलर एकता जिंदाबाद”, “हमारी मांगे पूरी करो” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन में गुमला के सभी प्रखंडों से डीलर मौजूद रहे, जिससे यह आंदोलन और भी बड़ा दिखाई दिया।

न्यूज़ देखो: खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में गहराती चुनौतियां

यह धरना झारखंड की खाद्य आपूर्ति प्रणाली में गहराई से छिपी समस्याओं की ओर इशारा करता है। डीलरों की आर्थिक समस्याएं, तकनीकी खामियां और लंबित भुगतान का बोझ यह दिखाता है कि स्मार्ट सिस्टम की सफलता केवल कागजों तक सीमित है। यदि समय पर समाधान नहीं हुआ, तो यह विवाद सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता और समाधान ही रास्ता

जन वितरण प्रणाली गरीबों तक अनाज पहुंचाने की सबसे अहम कड़ी है। इसमें पारदर्शिता और समय पर भुगतान न केवल डीलरों की जरूरत है, बल्कि आम जनता के हित में भी है। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय दें और सरकार तक आवाज पहुंचाने में भागीदार बनें।

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