
#गिरिडीह #आत्महत्या : भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष की बेटी ने की आत्महत्या, नेताओं ने परिवार से मिलकर जताया दुख
- किरण कुमारी (19 वर्ष) ने 24 अगस्त की रात फांसी लगाकर आत्महत्या की।
- वह गिरिडीह के सिहोडीह क्षेत्र में किराए के मकान में रहकर डिप्लोमा की पढ़ाई कर रही थी।
- सोमवार को सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया।
- भाजपा नेता नुनूलाल मरांडी ने परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की।
- मरांडी ने मोबाइल कॉल डिटेल जांच की मांग की और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही।
गिरिडीह जिले में 24 अगस्त की रात एक दर्दनाक घटना सामने आई जब बिरनी प्रखंड के जरीडीह निवासी और भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष बहादुर सिंह की पुत्री किरण कुमारी (19 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली। किरण सिहोडीह इलाके में किराए पर रहकर डिप्लोमा की पढ़ाई कर रही थी। परिजनों के अनुसार घटना की जानकारी रात में ही मिली, जिसके बाद पूरे परिवार में शोक का माहौल छा गया। सोमवार को सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया।
भाजपा नेता नुनूलाल मरांडी पहुंचे घर
बुधवार शाम को भाजपा नेता नुनूलाल मरांडी मृतका के घर पहुंचे और शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात की। उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा समाज परिवार के साथ खड़ा है।
नुनूलाल मरांडी ने कहा: “पुलिस को चाहिए कि किरण कुमारी के मोबाइल कॉल डिटेल की गहन जांच करे। आत्महत्या से पहले हुए कॉल संदिग्ध हैं और इस मामले की तह तक जाना जरूरी है। यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए।”
नेताओं और ग्रामीणों की मौजूदगी
इस मौके पर कई अन्य राजनीतिक और सामाजिक नेता भी मौजूद रहे। इनमें भाजपा नेता एवं पूर्व पंसस कैलाश पासवान, झामुमो उपाध्यक्ष मनोज राम, राजकुमार सिंह, सागीर अंसारी और आसपास के ग्रामीण शामिल थे। सभी ने एकजुट होकर परिवार को ढांढस बंधाया और न्याय की मांग की।
पुलिस जांच जारी
यह मामला बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। पुलिस फिलहाल कॉल डिटेल और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच कर रही है। अब तक आत्महत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन मृतका के मोबाइल से जुड़े कुछ तथ्य सामने आने की संभावना जताई जा रही है। परिजन और स्थानीय लोग पुलिस से निष्पक्ष व तेजी से जांच की मांग कर रहे हैं।
राजनीतिक और सामाजिक हलचल
घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। भाजपा और अन्य दलों के नेताओं के शामिल होने से यह मामला और भी चर्चित हो गया है। लोग इसे केवल व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त मानसिक दबाव और संदिग्ध परिस्थितियों का उदाहरण मान रहे हैं।
न्यूज़ देखो: संवेदनशील जांच की जरूरत
किरण कुमारी की आत्महत्या ने प्रशासन और समाज दोनों के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं। एक पढ़ाई कर रही छात्रा का इस तरह अचानक आत्महत्या कर लेना गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस को चाहिए कि मामले की निष्पक्ष और तेज जांच कर सच्चाई सामने लाए।
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युवाओं की मानसिक मजबूती पर ध्यान दें
यह घटना बताती है कि हमें युवाओं की मानसिक मजबूती और भावनात्मक सहारे पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अब समय है कि समाज और परिवार मिलकर ऐसे संकट में बच्चों का सहारा बनें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता बढ़े और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।