#राँची #अबुआआवासविलं — सोनाहातु में तेज बारिश से मिट्टी का घर गिरा, शिवा की मौत और तीन लोग घायल
- तेज बारिश में राँची के सोनाहातु में मिट्टी का मकान ढहा
- 12 वर्षीय शिवा प्रमाणिक की मलबे में दबकर मौत
- पीड़ित परिवार पहले से अबुआ आवास के लिए कर रहा था आवेदन
- प्रशासन ने कहा – नाम सूची में पीछे, प्रक्रिया जारी
- घटना के बाद गांव में मातम और सिस्टम पर सवाल
बारिश बनी मौत का कारण, मलबे में दबकर गई बच्चे की जान
राँची के सोनाहातु प्रखंड के तेलवाडीह गांव में 6 जुलाई की देर रात भारी बारिश के कारण एक कच्चा मकान ढह गया, जिससे 12 वर्षीय शिवा प्रमाणिक की मौत हो गई और परिवार के अन्य तीन सदस्य घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार घर में सो रहा था।
मृतक शिवा, गांव के सुभाष प्रमाणिक का पुत्र था और पास के सरकारी विद्यालय में पढ़ाई करता था। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई।
मां और ग्रामीणों ने सुनाई दर्दनाक आपबीती
शिवा की मां ने बताया कि रात करीब 1 बजे जब तेज बारिश हो रही थी, तभी अचानक मकान गिर गया और पूरा परिवार मलबे में दब गया। चीख-पुकार सुनकर गांव वाले दौड़े और मलबा हटाकर सभी को बाहर निकाला।
धीरज प्रमाणिक (पड़ोसी) ने कहा: “शिवा की हालत बेहद खराब थी, उसे सिंहपुर अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अगर इस परिवार को समय पर अबुआ आवास मिला होता, तो यह हादसा टल सकता था।”
अबुआ आवास योजना पर उठे सवाल
परिवार के पड़ोसी और ग्रामीणों ने बताया कि सुभाष प्रमाणिक ने कई बार अबुआ आवास के लिए आवेदन दिया, लेकिन हर बार “प्रोसेस में है” कहकर टाल दिया गया। अब गांव के कई कच्चे घरों में रह रहे लोगों में डर है कि अगला हादसा उनके साथ भी हो सकता है।
प्रशासन ने दी प्रतिक्रिया, लेकिन जवाब अधूरा
घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया। प्रखंड विकास पदाधिकारी खगेश कुमार ने कहा:
प्रखंड विकास पदाधिकारी खगेश कुमार ने बताया: “यह बहुत दुखद घटना है। पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्हें अस्थायी रूप से निकट के पंचायत भवन में शिफ्ट करने की व्यवस्था हो रही है।”
जब उनसे पूछा गया कि इस परिवार को अबुआ आवास का लाभ अब तक क्यों नहीं मिला, तो उन्होंने कहा कि सूची लंबी है और नाम काफी पीछे है। फिलहाल आश्रय और मूलभूत सुविधा देना प्राथमिकता है।
न्यूज़ देखो: योजनाओं की देरी ने छीनी शिवा की साँसें
इस दर्दनाक घटना ने अबुआ आवास योजना की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। एक परिवार जो वर्षों से आवेदन कर रहा था, आज अपने बच्चे की जान गंवा बैठा। सिस्टम की धीमी रफ्तार और लापरवाही ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली।
न्यूज़ देखो सवाल करता है – जब योजना ज़मीन पर पहुंचने में वक्त लगाती है, तब क्या उसकी कीमत किसी की जान होनी चाहिए?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
हादसे रोकने की ज़िम्मेदारी हमारी भी
अब वक्त है कि हर नागरिक जागरूक बने, योजनाओं की जानकारी रखे, समय पर फॉर्म भरे और अधिकारियों से जवाब मांगना सीखे। अगर आप भी किसी योजना से वंचित हैं, तो आवाज उठाएं।
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