
#पलामू #रेलअंडरपास #तोलरा : खराब रास्ते से जनजीवन अस्त-व्यस्त—सैकड़ों परिवार राशन-पानी के लिए परेशान
- तोलरा रेलवे अंडरपास निर्माण से जुड़ा मार्ग हुआ खराब।
- लालगढ़ पंचायत से जुड़ने वाला मुख्य रास्ता कीचड़ और गड्ढों से भरा।
- सैकड़ों परिवारों को राशन-पानी और जरूरी सामान में किल्लत।
- ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और रेलवे विभाग पर जताई नाराजगी।
- सोशल मीडिया पर भी संवेदक और स्थानीय लोग कर रहे विरोध।
तोलरा रेलवे फाटक से लगभग 100 मीटर पूर्व बन रहा अंडरपास अब परेशानी का कारण बन गया है। अंडरपास निर्माण कार्य के कारण मुख्य वैकल्पिक मार्ग की हालत बेहद खराब हो गई है। यह सड़क लालगढ़ पंचायत को जोड़ती है और सैकड़ों गाड़ियों के आवागमन का मुख्य रास्ता है। अब तोलरा के सैकड़ों परिवार राशन-पानी जैसी मूलभूत जरूरतों से वंचित हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
बुजुर्गों के लिए खतरा, दुर्घटना का डर
गांव में कई बुजुर्ग दंपति अकेले रहते हैं, जिनके लिए यह रास्ता बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। पैर फिसलने से गिरकर हाथ-पांव टूटने का डर ग्रामीणों को हर समय सता रहा है। इस स्थिति को लेकर तोलरा निवासी अनिल तिवारी ने पलामू सांसद बिष्णु दयाल राम के समक्ष अपनी शिकायत रखी है।
जनप्रतिनिधियों और ठेकेदार पर आक्रोश
गांव के लोग स्थानीय मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्यों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि अपना निजी लाभ के लिए चुप हैं और न तो अंडरपास निर्माण पर सवाल उठा रहे हैं, न ही खराब रास्ते को ठीक कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी सेवानिवृत्त एएसआई राधेश्याम तिवारी, एएसआई राहुल तिवारी, सिद्धार्थ तिवारी और संवेदक राहुल तिवारी ने विरोध जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे जल्द ही रेलवे विभाग के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे।
संवेदक का दावा: रास्ता होगा दुरुस्त
संवेदक ने पत्रकारों से बात करते हुए रास्ता सुधारने का आश्वासन दिया है। हालांकि, गांव के लोगों का रोष अभी भी कायम है। फिलहाल ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि अंडरपास का निर्माण मानकों के अनुरूप हो और वैकल्पिक रास्ते की मरम्मत तुरंत की जाए।
न्यूज़ देखो: लापरवाही की मार, ग्रामीणों का संघर्ष
यह स्थिति दिखाती है कि बुनियादी ढांचे के विकास में लापरवाही किस तरह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है। रेलवे और प्रशासन को चाहिए कि निर्माण कार्य के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे, ताकि लोग मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष न करें। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदार निर्माण ही विकास का असली रास्ता
आपकी क्या राय है? क्या प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए? अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर दें, और इस खबर को दोस्तों और समूहों में शेयर करें ताकि आवाज मजबूत बने।