Latehar

एंबुलेंस मिलने में हुई विलंब से गई युवक की जान, लातेहार अस्पताल के खिलाफ उबाल

#लातेहार #एंबुलेंस_विवाद : सड़क हादसे में घायल युवक की मौत के बाद परिजनों का आक्रोश — लचर एंबुलेंस सेवा को बताया मौत की वजह
  • रामकृत उरांव की इलाज के दौरान मौत, समय पर एंबुलेंस न मिलने से बिगड़ी हालत
  • ढाई घंटे तक इंतजार, पहली एंबुलेंस में न ऑक्सीजन, न एसी
  • परिजनों और ग्रामीणों का अस्पताल परिसर में प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी
  • भाजपा नेताओं ने जताई नाराजगी, सम्मान फाउंडेशन का टेंडर रद्द करने की मांग
  • प्रशासन ने CO को भेज दिया मौके पर, आश्वासन के बाद समाप्त हुआ विरोध

देर से मिली एंबुलेंस बनी मौत की वजह

लातेहार। शनिवार को डुंडगी के पास हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल रामकृत उरांव की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समय पर उचित एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण घायल की स्थिति बिगड़ी और अंततः रांची स्थित रिम्स में उसकी मृत्यु हो गई।

घटना से नाराज परिजन व ग्रामीणों ने लातेहार सदर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एंबुलेंस सेवा की लचर व्यवस्था रामकृत की मौत की सबसे बड़ी वजह बनी।

भाजपा नेताओं ने अस्पताल पर साधा निशाना

प्रदर्शन के दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष राकेश कुमार दुबे, जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव और नावागढ़ पंचायत के मुखिया प्रवेश उरांव मुख्य रूप से मौजूद रहे। राकेश दुबे ने बताया कि दुर्घटना में घायल रामकृत उरांव को रांची भेजने में घंटों लग गए

राकेश दुबे ने कहा:
“पहली एंबुलेंस में एसी नहीं था, न ऑक्सीजन, और किसी प्रकार की इमरजेंसी सुविधा नहीं थी। करीब ढाई घंटे बाद बेहतर एंबुलेंस मिली, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अगर समय पर सुविधा मिलती, तो जान बच सकती थी।”

उन्होंने सम्मान फाउंडेशन का टेंडर रद्द करने की मांग की जो वर्तमान में एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि दो दिनों में सुधार नहीं हुआ, तो भाजपा जिला आंदोलन करेगी।

“अमीर-गरीब के लिए अलग व्यवस्था”

जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने भी अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पदाधिकारियों के लिए अलग और आधुनिक एंबुलेंस हैं, जबकि आम जनता को ऐसी एंबुलेंस में भेजा जा रहा है, जिसमें न तो ऑक्सीजन, न प्राथमिक चिकित्सा, और न कोई जीवन रक्षक सुविधा है।

उन्होंने कहा कि यह दोहरी व्यवस्था है, जो आम नागरिकों के जीवन के अधिकार के साथ खिलवाड़ है।

उपायुक्त के निर्देश पर पहुंचे CO

घटना की जानकारी मिलते ही उपायुक्त के निर्देश पर अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो अस्पताल पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से संवाद कर स्थिति को शांत किया

सीओ अरविंद टोप्पो ने कहा:
“जिला प्रशासन इस मामले को पूरी गंभीरता से देख रहा है। दो-तीन दिनों के भीतर एंबुलेंस सेवा की समीक्षा कर आवश्यक सुधार किए जाएंगे।”

जनता की चेतावनी: सुधार नहीं तो आंदोलन

प्रशासन की आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हो गया, लेकिन यह घटना जिला अस्पताल की आपात व्यवस्था की पोल खोल गई है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने चेताया है कि अगर प्रशासन ने समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की, तो वे जोरदार जन आंदोलन खड़ा करेंगे।

न्यूज़ देखो: आपात सेवाओं की अनदेखी बनी जानलेवा

एक घायल युवक की मौत, एक फंसी हुई एंबुलेंस व्यवस्था और एक सवाल — क्या हम अब भी जनता की ज़िंदगी को प्राथमिकता नहीं दे सकते? न्यूज़ देखो मानता है कि आपात चिकित्सा सेवाएं सरकार की जवाबदेही का अहम हिस्सा हैं। अगर एंबुलेंस समय पर, ठीक हालत में नहीं पहुंचती, तो यह सिर्फ एक सिस्टम फेल नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी का पतन है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जनहित में सुधार की जरूरत

प्रशासन को चाहिए कि वह एंबुलेंस सेवाओं की समुचित समीक्षा कर जनता को बेहतर सुविधा दे। यह सिर्फ एक व्यक्ति की जान की बात नहीं, यह सिस्टम के प्रति भरोसे की कसौटी है।
आप इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें, इसे रेट करें और अपने दोस्तों व परिजनों के साथ शेयर करें, ताकि आवाज़ और बुलंद हो सके।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Radhika Netralay Garhwa
20250610_145622
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
Engineer & Doctor Academy
आगे पढ़िए...
नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: