
#लातेहार #महिलाचिकित्सक : बालूमाथ की महिलाओं के इलाज में आ रही समस्याओं को देखते हुए जिला परिषद उपाध्यक्ष का आग्रह — महिला डॉक्टर की शीघ्र नियुक्ति से मिलेगी हजारों को राहत
- जिप उपाध्यक्ष अनीता देवी ने बालूमाथ सीएचसी में महिला चिकित्सक की नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य मंत्री को भेजा पत्र
- महिलाएं संकोचवश पुरुष चिकित्सकों से नहीं ले पातीं सलाह, गंभीर स्वास्थ्य संकट का बन रहा कारण
- झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज कराने को विवश हैं महिलाएं, बढ़ता है आर्थिक बोझ और खतरा
- पत्र की प्रतिलिपि स्वास्थ्य सचिव को भी भेजी गई, शीघ्र कार्रवाई की अपील
- वर्षों पुरानी मांग को लेकर महिलाओं में है गहरा असंतोष, उम्मीद सरकार से
बालूमाथ में महिला डॉक्टर की अनुपस्थिति से स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ा असर
लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में वर्षों से महिला चिकित्सक की कमी स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित कर रही है। इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए जिला परिषद उपाध्यक्ष अनीता देवी ने झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक औपचारिक पत्र लिखा है, जिसमें तत्काल महिला डॉक्टर की नियुक्ति की मांग की गई है।
अनीता देवी ने पत्र में लिखा है कि गर्भवती महिलाएं, किशोरियाँ और वृद्ध महिलाएं तकलीफ में होते हुए भी परंपरागत संकोच के कारण पुरुष डॉक्टरों से परामर्श नहीं ले पातीं। इससे कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है और उन्हें इलाज के लिए दूर शहरों का रुख करना पड़ता है।
गंभीर स्थिति में लेनी पड़ रही है झोलाछाप डॉक्टरों की मदद
अनीता देवी ने यह भी इंगित किया कि महिला डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण ग्रामीण महिलाओं को झोलाछाप चिकित्सकों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे उनकी जान तक जोखिम में पड़ सकती है। इस प्रक्रिया में न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य का संकट बढ़ रहा है, बल्कि परिवारों पर आर्थिक बोझ भी लगातार बढ़ रहा है।
अनीता देवी ने पत्र में लिखा: “बालूमाथ जैसे संवेदनशील प्रखंड में महिला चिकित्सक की नियुक्ति न होना, महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन है। यह मांग सिर्फ स्वास्थ्य सुविधा की नहीं, बल्कि सम्मान और गरिमा से जीने के अधिकार की मांग है।“
वर्षों से लंबित है महिला डॉक्टर की मांग
स्थानीय लोगों के अनुसार, बालूमाथ में महिला डॉक्टर की मांग बीते कई वर्षों से लगातार उठती रही है, लेकिन अब तक इसे नजरअंदाज किया गया है। पत्र में अनीता देवी ने सरकार को स्मरण कराया कि यदि इस मांग को शीघ्र स्वीकार किया जाए तो इससे बालूमाथ सहित आसपास के गांवों की हजारों महिलाएं लाभान्वित होंगी।
संबंधित विभागों को भी भेजा गया पत्र
स्वास्थ्य मंत्री के अलावा, पत्र की प्रतिलिपि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी भेजी गई है ताकि प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। अनीता देवी ने आशा जताई है कि सरकार इस बार इस मांग को गंभीरता से लेकर जल्द समाधान करेगी।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य अधिकारों के लिए उठती आवाज
‘न्यूज़ देखो’ इस पत्राचार को सिर्फ एक मांग के रूप में नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के मौलिक स्वास्थ्य अधिकारों की पुकार मानता है। बालूमाथ जैसे क्षेत्र में महिला डॉक्टर की कमी, स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता की प्रतीक है। अब वक्त है कि सरकार संज्ञान लेकर व्यवहारिक समाधान दे। यह मांग आज नहीं तो कल, एक बड़ी जनचेतना में बदलेगी।
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सकारात्मक बदलाव की ओर पहला कदम
अगर आप भी मानते हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक का अधिकार हैं, तो इस खबर को शेयर करें, कमेंट करें, और सरकार तक यह आवाज पहुंचाएं। जागरूकता से ही मिलेगा हक़।