
#लातेहार #पलामूकिलाजतरा : चेरो समाज ने यज्ञ स्थल बदलने की रखी मांग – आदिवासी परंपरा और धार्मिक भावनाओं के सम्मान की अपील
- पलामू किला जतरा मेला परिसर में आयोजित यज्ञ स्थल को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर चेरो समाज ने जोर दिया।
- यह मांग मेदिनी वेलफेयर ट्राइब सोसायटी, राष्ट्रीय चेरो जनजातीय महासंघ और चेरो आदिवासी भयारी पंचायत ने संयुक्त रूप से की।
- बैठक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन सिंह चेरो की अध्यक्षता में मेदिनीनगर में आयोजित की गई।
- चेरो समाज ने कहा कि यह स्थल महाराजा मेदिनी राय की ऐतिहासिक धरोहर है, जहां सदियों से जतरा (मेला) आयोजित होता आया है।
- आदिवासी समाज ने कहा कि हिंदू रीति से यज्ञ आयोजन उनकी पारंपरिक विधि और विश्वास पर आघात है।
मेदिनीनगर में चेरो समाज के तीन प्रमुख संगठनों — मेदिनी वेलफेयर ट्राइब सोसायटी, राष्ट्रीय चेरो जनजातीय महासंघ, और चेरो आदिवासी भयारी पंचायत — की एक अहम संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक का नेतृत्व महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन सिंह चेरो ने किया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि पलामू किला जतरा मेला परिसर में हो रहे यज्ञ का स्थल बदला जाए, क्योंकि यह स्थल चेरो आदिवासियों की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान से जुड़ा हुआ है।
ऐतिहासिक धरोहर और परंपरा का सवाल
चेरो समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि पलामू किला परिसर चेरो वंश के महान शासक महाराजा मेदिनी राय की याद में आदिवासी परंपरा के तहत सैकड़ों वर्षों से जतरा (मेला) के आयोजन का केंद्र रहा है। इस आयोजन में आदिवासी समाज अपने पूर्वजों की स्मृति में पारंपरिक पूजा करता है, जिसमें मांस, मदिरा, हड़िया, दारू और पारंपरिक पशु बलि जैसी विधियां शामिल हैं। इसे भैयारी व्यवस्था कहा जाता है।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि चूंकि हिंदू धर्म में जीव हत्या और मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है, इसलिए उसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन आदिवासी रीति-रिवाजों और मान्यताओं पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी संस्कृति, भाषा और परंपरा पर “सुनियोजित हस्तक्षेप” के समान है।
चेरो समाज की स्पष्ट चेतावनी
अर्जुन सिंह चेरो ने कहा: “हम किसी भी धर्म के विरोधी नहीं हैं, परंतु हमारी पारंपरिक भूमि, जहां हमारे पूर्वजों की आत्मा वास करती है, उस पर किसी अन्य धर्म का आयोजन हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।”
उन्होंने कहा कि चेरो समाज यज्ञ का सम्मान करता है और आगे भी करता रहेगा, लेकिन आयोजक समिति से आग्रह है कि यज्ञ स्थल को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि आपसी सौहार्द बना रहे।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
चेरो समाज के प्रतिनिधियों ने पलामू जिला प्रशासन से अपील की कि यज्ञ का आयोजन स्थल बदला जाए, ताकि धर्म और संस्कृति के टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो। संगठनों ने कहा कि यदि मांग नहीं मानी गई, तो वे बाध्य होकर यज्ञ आयोजन समिति के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे।
इस बैठक में कई प्रमुख लोग शामिल हुए, जिनमें अवधेश सिंह चेरो, हृदय सिंह चेरो, ठाकुराई सिंह चेरो, कामेश सिंह चेरो, रामराज सिंह चेरो, अजय सिंह चेरो, त्रिपुरारी सिंह चेरो, सुरेंद्र सिंह चेरो, सुमन सिंह चेरो, बवन सिंह चेरो, आशुतोष सिंह चेरो, उपेंद्र सिंह चेरो के अलावा यज्ञ समिति के अध्यक्ष अरविंद सिंह चेरो, विनय सिंह चेरो, सीताराम सिंह चेरो, तथा पलामू किला जतरा समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंह चेरो और चंदन सिंह चेरो शामिल थे।
न्यूज़ देखो: परंपरा बनाम परिवर्तन का संघर्ष
यह विवाद न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि आदिवासी समाज की पहचान और ऐतिहासिक अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है। इस तरह के टकराव यह दर्शाते हैं कि संवेदनशील स्थलों पर परस्पर सम्मान और संवाद आवश्यक है, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे। प्रशासन को ऐसे मुद्दों में तटस्थ मध्यस्थता की भूमिका निभानी होगी।
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