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सलैया स्टेशन पर इंटरसिटी और गोड्डा–दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन स्टॉपेज की मांग हुई तेज आंदोलन की चेतावनी

#गिरिडीह #रेलवे : मांग को लेकर संघर्ष मोर्चा का महासम्मेलन आयोजित, प्रतिनिधिमंडल गठन और रेल रोको आंदोलन की दी चेतावनी।

स्थानीय जनता की लंबे समय से मांग है कि सलैया स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव हो, ताकि आसपास के गांवों और कस्बों के यात्रियों को राजधानी और महानगरों तक आसानी से यात्रा करने का विकल्प मिल सके। यही कारण है कि संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आज आयोजित महासम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।

जनआंदोलन का स्वरूप

महासम्मेलन में पंचायत प्रमुखों, मुखियाओं, सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि यह मांग केवल सलैया ही नहीं बल्कि पूरे इलाके की जरूरत है। रेलवे स्टेशन पर बड़े ट्रेनों के ठहराव से लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक विकास भी संभव होगा।

आंदोलन की रणनीति

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल का गठन कर रेलवे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की जाएगी। इसके साथ ही घर-घर जनजागरण अभियान चलाकर लोगों को आंदोलन से जोड़ा जाएगा और निरंतर पत्राचार कर दबाव बनाया जाएगा।

चेतावनी का असर

संघर्ष मोर्चा ने साफ कहा कि यदि सरकार और रेल प्रशासन ने मांगों पर तुरंत ध्यान नहीं दिया तो उन्हें शांतिपूर्ण रेल रोको आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

सांसद की पहल

राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद पहले ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर आसनसोल-हटिया इंटरसिटी और गोड्डा-दिल्ली एक्सप्रेस का ठहराव सलैया स्टेशन पर करने की मांग कर चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सांसद की इस पहल से उनकी उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

न्यूज़ देखो: विकास की राह में रेल ठहराव का महत्व

रेलवे स्टॉपेज केवल यात्रा सुविधा नहीं, बल्कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार की दिशा में क्षेत्र को नई ऊर्जा देता है। सलैया जैसे ग्रामीण इलाकों में जब बड़ी ट्रेनों का ठहराव होता है तो वहां बाजार विकसित होते हैं, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और गांव कस्बों की कनेक्टिविटी मजबूत होती है। इसलिए इस मांग को केवल परिवहन से जोड़कर नहीं देखा जा सकता।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है जनसहभागिता का

रेल ठहराव की यह मांग सिर्फ संघर्ष मोर्चा की नहीं बल्कि पूरे इलाके की है। अब जरूरी है कि हर नागरिक अपनी भागीदारी निभाए। आंदोलन को मजबूती देने के लिए आप अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें, ताकि जागरूकता बढ़े और सरकार को जनता की आवाज सुनाई दे।

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