
#गढ़वा #ओखरगाड़ाप्रखंडमांग : पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपा ज्ञापन — ओखरगाड़ा को नया प्रखंड घोषित करने की मांग हुई तेज
- पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा
- ओखरगाड़ा को मेराल से अलग कर नया प्रखंड बनाने की मांग
- 6 पंचायतों की दूरी प्रखंड मुख्यालय से 30 किलोमीटर से अधिक
- जनता सरकारी योजनाओं से वंचित, बुनियादी सेवाओं तक पहुंच में कठिनाई
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उचित कार्रवाई का दिया आश्वासन
ओखरगाड़ा को लेकर प्रखंड निर्माण की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी
गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड से अलग कर ओखरगाड़ा को नया प्रखंड बनाने की मांग को लेकर क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एवं झामुमो के महासचिव मिथिलेश कुमार ठाकुर ने इस संबंध में शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने इस क्षेत्र को प्रशासनिक इकाई के रूप में विकसित करने की जरूरत बताई।
प्रखंड मुख्यालय की दूरी ग्रामीणों के लिए बनी बड़ी समस्या
पूर्व मंत्री ठाकुर ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि ओखरगाड़ा पूर्वी और पश्चिमी ग्राम पंचायत सहित छह पंचायतें – अरंगी, बिकताम, चेचरिया और खोरीडीह — मेराल प्रखंड के तहत आती हैं, लेकिन यहां से मेराल प्रखंड मुख्यालय की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है, जिससे ग्रामीणों को बुनियादी प्रशासनिक कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस वजह से क्षेत्र की जनता राज्य सरकार की कई योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाती है।
लंबे समय से हो रही है ओखरगाड़ा को प्रखंड बनाने की मांग
ज्ञापन में ठाकुर ने बताया कि ओखरगाड़ा क्षेत्र के लोग वर्षों से नया प्रखंड बनाए जाने की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने पूर्व में भी इस मांग को राज्य सरकार के समक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सहूलियत, ग्रामीणों की सुविधा और विकास के दृष्टिकोण से ओखरगाड़ा को नया प्रखंड बनाना जनहित में अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने दिए कार्रवाई के संकेत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ज्ञापन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यदि इस मांग पर अमल होता है, तो ओखरगाड़ा क्षेत्र के लाखों ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सरकारी सेवाओं की पहुंच आसान हो सकेगी।
न्यूज़ देखो: ओखरगाड़ा की आवाज को मिले पहचान
नए प्रखंड के गठन की मांग, केवल एक प्रशासनिक आवश्यकता नहीं, बल्कि विकास और सुविधाओं की बुनियादी ज़रूरत बन चुकी है। पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर का यह प्रयास क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग को एक नई ऊर्जा देता है।
न्यूज़ देखो ऐसे जमीनी मुद्दों को उठाकर सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करता है, जिससे स्थानीय आवाज़ को नीतिगत निर्णयों तक पहुंच मिलती है।
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प्रशासनिक इकाई का सशक्तीकरण ही विकास की बुनियाद है। आइए, हम सब ओखरगाड़ा जैसे क्षेत्रों की आवाज़ को आगे बढ़ाएं, स्थानीय जरूरतों को पहचानें और जनहित में बदलाव की पहल को समर्थन दें।
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