#नईदिल्ली #नीतिआयोगबैठक — झारखंड के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में रखी राज्य की उपेक्षा पर तीखी बात
- नीति आयोग की 10वीं बैठक में हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए
- खनन मुआवजे से लेकर महिला सशक्तिकरण योजनाओं तक झारखंड को उचित हक दिलाने की मांग
- मुख्यमंत्री बोले, झारखंड को 1.40 लाख करोड़ का भुगतान नहीं मिला है
- 50 लाख महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह देने वाली योजना को राष्ट्रीय मॉडल बनाने की सलाह
- जीएसटी क्षतिपूर्ति, CSR-डीएमएफटी फंड और अधिभार से हिस्सेदारी जैसे आर्थिक मुद्दे उठाए
- साहेबगंज में गंगा पर पुल और कार्गो हब बनाने का प्रस्ताव भी पेश किया
झारखंड को बराबरी का दर्जा मिले — हेमंत सोरेन की मुखर प्रस्तुति
नीति आयोग की बैठक में जब देशभर के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अपनी बात रख रहे थे, उस वक्त झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबसे मुखर होकर अपने राज्य की बात रखी। उन्होंने कहा कि “झारखंड जैसे राज्यों के बिना विकसित भारत की कल्पना अधूरी है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के पास प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर संपदा है, लेकिन आज भी वह बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने मांग की कि राज्य के हिस्से की जीएसटी क्षतिपूर्ति, CSR और DMFT फंड, सभी भुगतान तत्काल दिए जाएं।
राज्य का बकाया पैसा और केंद्र की चुप्पी
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड सरकार को अब तक 1.40 लाख करोड़ रुपए का बकाया मुआवजा नहीं मिला है, जो मुख्यतः खनन भूमि अधिग्रहण से संबंधित है। उन्होंने कहा कि झारखंड को खनन से प्रदूषण और विस्थापन झेलना पड़ता है, लेकिन लाभ दिल्ली और मेट्रो शहरों को मिलता है।
“हमारी जमीनें कंपनियों को दे दी जाती हैं लेकिन मुआवजा देना भूल जाते हैं। यह अन्याय अब नहीं चलेगा।”
— हेमंत सोरेन
झारखंड की महिलाओं के लिए चला रही है मिसाल बनने वाली योजना
बैठक में मुख्यमंत्री ने एक ऐसी योजना का जिक्र किया, जिसने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार 50 लाख महिलाओं को प्रतिमाह ₹2500 की सीधी आर्थिक सहायता दे रही है, जिससे गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी बन रही हैं। उन्होंने इस योजना को पूरे देश में लागू करने की भी सिफारिश की।
CSR और DMFT में राज्य सरकार को मिले प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि CSR और DMFT फंड का उपयोग कंपनियां अपनी सुविधा से करती हैं, जबकि इन्हें राज्य सरकार की प्राथमिकताओं से जोड़ना जरूरी है। उन्होंने मांग रखी कि इन फंड्स का उपयोग राज्य की सामाजिक और आधारभूत संरचना परियोजनाओं में हो।
साहेबगंज को बनाए कार्गो हब और गंगा पुल की मांग
साहेबगंज को पूर्वी भारत का रणनीतिक कार्गो केंद्र बनाने का प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री ने बैठक में रखा। उन्होंने कहा कि वहां गंगा नदी पर एक उच्च स्तरीय पुल या बांध बनाना जरूरी है, ताकि व्यापार, यातायात और जल परिवहन को बढ़ावा मिल सके।
कर बंटवारा और आर्थिक न्याय की मांग
मुख्यमंत्री ने जीएसटी के बाद राजस्व में आई गिरावट पर चिंता जताई और कहा कि विभाज्य पूल में सभी उपकर और अधिभार शामिल किए जाएं। उन्होंने वर्टिकल डेवल्यूशन को 50% तक करने की भी मांग की ताकि झारखंड जैसे राज्य राजस्व घाटे की भरपाई कर सकें।

न्यूज़ देखो : नीति-निर्धारण से जुड़ी हर हलचल पर तेज नजर
झारखंड के हक की बात राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से रखने वाले मुख्यमंत्री की यह प्रस्तुति दर्शाती है कि अब राज्य सरकार अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेगी। न्यूज़ देखो आपके लिए लाता है नीति निर्माण की हर खबर का सटीक और भरोसेमंद विश्लेषण, ताकि आप जान सकें कि केंद्र और राज्य के बीच क्या संवाद हो रहा है।
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