#रांची #बिरसामुंडा_एयरपोर्ट_नामकरण : शहीदों के सपनों को साकार करने वाले संगठन ‘नमन’ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र — अमरप्रीत सिंह काले ने की ऐतिहासिक मांग
- ‘नमन – शहीदों के सपनों को’ संगठन ने उठाई मांग
- रांची एयरपोर्ट का नाम भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रखने की अनुशंसा
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा गया भावनात्मक पत्र
- भगवान बिरसा मुंडा को जनमानस में ईश्वर तुल्य स्थान बताया गया
- प्रधानमंत्री मोदी भी मंचों से उन्हें भगवान कहकर करते हैं नमन
पत्र के माध्यम से उठाई गई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मांग
रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट’ किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसी क्रम में समाजसेवी संगठन ‘नमन – शहीदों के सपनों को’ के संस्थापक अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह काले ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक भावनात्मक और तर्कपूर्ण पत्र लिखकर इस मुद्दे पर गंभीर पहल की मांग की है।
भगवान शब्द क्यों ज़रूरी है?
अमरप्रीत सिंह काले ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि झारखंड की सांस्कृतिक चेतना, जनजातीय अस्मिता और आदिवासी जनमानस में भगवान बिरसा मुंडा का स्थान ईश्वर तुल्य है। ‘भगवान’ शब्द उनके संघर्ष, बलिदान, और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है, न कि केवल कोई सम्मानसूचक उपाधि।
अमरप्रीत सिंह काले ने लिखा: “यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक न्याय है। यह झारखंड की आत्मा को पहचान देने का कार्य होगा।”
प्रधानमंत्री भी देते हैं वही संबोधन
काले ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के तमाम शीर्ष नेता हर मंच से ‘भगवान बिरसा मुंडा’ कहकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ऐसे में एयरपोर्ट का नाम भी उसी भावना से जुड़ा होना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की पहचान और मजबूती से स्थापित हो।
सामाजिक चेतना और सम्मान का विषय
यह मांग सिर्फ नामकरण नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की अस्मिता, शहादत की विरासत, और संस्कृतिक गौरव का पुनर्पुष्टिकरण है। अमरप्रीत सिंह काले का यह प्रयास झारखंड के गौरवशाली इतिहास को देश-दुनिया के सामने सम्मान के साथ प्रस्तुत करने का एक सशक्त कदम माना जा रहा है।
न्यूज़ देखो: आदिवासी अस्मिता के सम्मान की मांग बुलंद
भगवान बिरसा मुंडा न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा के स्तंभ हैं। उनके नाम में ‘भगवान’ जोड़ने की यह मांग जनभावनाओं की सही अभिव्यक्ति है, जिसे अनदेखा करना सामाजिक चेतना के साथ अन्याय होगा। न्यूज़ देखो इस ऐतिहासिक पहल को आवाज़ देने और सरकार से संवेदनशील निर्णय की उम्मीद करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सम्मान और अस्मिता के लिए उठाएं अपनी आवाज
हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपनी सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के लिए खड़ा हो। आइए, हम सब मिलकर इस मांग को समर्थन दें और भगवान बिरसा मुंडा को वह सम्मान दिलाएं, जिसके वे वास्तव में अधिकारी हैं।
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