
#हुसैनाबाद #ठंड_संकट : कनकनी और घने कोहरे ने आम जनजीवन किया अस्त-व्यस्त, प्रशासन की उदासीनता से बढ़ी परेशानी
- हुसैनाबाद क्षेत्र में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे से जनजीवन प्रभावित।
- स्कूली बच्चे, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा व टेम्पू चालक सबसे अधिक परेशान।
- रात और सुबह के समय खुले में काम करने वाले मजदूर झेल रहे हैं ठंड की मार।
- अस्पताल परिसर में मरीज और परिजन ठंड से हो रहे हैं परेशान।
- अब तक चौक-चौराहों पर अलाव और कंबल वितरण की कोई व्यवस्था नहीं।
- घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को दुर्घटना का खतरा बढ़ा।
पलामू जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल में कड़ाके की ठंड, तीखी कनकनी और घने कोहरे ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कई दिनों से हालात ऐसे बने हुए हैं कि सुबह देर तक कोहरा नहीं छंट रहा, जिससे पूरा इलाका ठंड की चपेट में है। दिन की शुरुआत ही ठिठुरन और धुंध के साथ हो रही है, जिससे लोग अपने दैनिक कार्यों के लिए घर से निकलने में मजबूर तो हैं, लेकिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर देखने को मिल रहा है। छोटे-छोटे बच्चे सुबह घने कोहरे और कड़ाके की ठंड में स्कूल जाने को विवश हैं। अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है कि इस मौसम में बच्चों के बीमार पड़ने का खतरा लगातार बना हुआ है। कई अभिभावकों का कहना है कि ठंड इतनी अधिक है कि बच्चों का सुबह घर से निकलना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
मजदूर और गरीब तबका सबसे ज्यादा प्रभावित
ठंड और कोहरे की मार सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालकों, टेम्पू चालकों और गरीब तबके पर पड़ रही है। मजदूर वर्ग को सुबह-सुबह काम की तलाश में निकलना पड़ता है, लेकिन घने कोहरे और ठिठुरन के कारण उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई मजदूर खुले में काम करने को मजबूर हैं, जहां ठंड से बचाव का कोई साधन उपलब्ध नहीं है।
विशेषकर रेलवे स्टेशन परिसर और प्रमुख चौक-चौराहों पर यात्रियों की प्रतीक्षा में खड़े रहने वाले टेम्पू और ऑटो चालकों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। घंटों ठंड में खड़े रहने के बावजूद न तो अलाव की व्यवस्था की गई है और न ही किसी प्रकार की राहत उपलब्ध कराई गई है। ठंड से बचने के लिए लोग इधर-उधर सिमटकर खड़े दिखाई दे रहे हैं।
रात और सुबह खुले में काम करने वाले मजदूर बेहाल
हुसैनाबाद क्षेत्र में ट्रैक्टर पर कार्य करने वाले मजदूर, जो अक्सर रात और तड़के सुबह खुले में काम करते हैं, ठंड की सीधी मार झेल रहे हैं। खुले खेतों और सड़कों पर काम करने के कारण उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। मजदूरों का कहना है कि इतनी ठंड में काम करना मजबूरी बन गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है।
अस्पताल परिसर में भी बढ़ी मुश्किलें
ठंड का असर हुसैनाबाद अस्पताल परिसर में भी साफ देखने को मिल रहा है। रात के समय और सुबह की कनकनी में मरीजों के साथ आए परिजन काफी परेशान नजर आ रहे हैं। खुले परिसर में बैठने या लेटने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए ठंड से बचाव की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। गरीब परिवारों के लोग कंबल और गर्म कपड़ों के अभाव में पूरी रात ठंड सहने को मजबूर हैं।
अलाव और कंबल वितरण नहीं होने से नाराजगी
चिंताजनक बात यह है कि इतनी विकट ठंड के बावजूद अब तक नगर पंचायत या प्रशासन की ओर से चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है और न ही जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण शुरू किया गया है। प्रशासन की इस उदासीनता को लेकर लोगों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि समय रहते अलाव जलाने और कंबल वितरण की व्यवस्था की जाती, तो सैकड़ों गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों को ठंड से राहत मिल सकती थी। लोगों का आरोप है कि हर वर्ष ठंड के मौसम में यही स्थिति उत्पन्न होती है, लेकिन प्रशासन की तैयारी नाकाफी रहती है।
घने कोहरे से यातायात भी प्रभावित
घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर आगे की दृश्यता बेहद कम हो गई है। वाहन चालक लाइट जलाकर और बेहद धीमी गति से वाहन चला रहे हैं, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। फिर भी कोहरे के कारण सड़क दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
विशेषकर सुबह और रात के समय राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से यातायात सुरक्षा को लेकर भी आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।
प्रशासन से तत्काल राहत की मांग
ठंड से जूझ रही जनता अब प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रही है। स्थानीय नागरिकों, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शहर और ग्रामीण इलाकों के प्रमुख चौक-चौराहों, बस स्टैंड, स्टेशन परिसर और अस्पतालों में अविलंब अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों के बीच कंबल का वितरण भी शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
न्यूज़ देखो: सर्दी में संवेदनशीलता की जरूरत
हुसैनाबाद में बढ़ती ठंड और प्रशासनिक उदासीनता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर जरूरतमंदों की सुध कब ली जाएगी। ठंड से बचाव के उपाय केवल कागजों तक सीमित न रहकर जमीन पर दिखने चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
ठंड में राहत देना भी है जिम्मेदारी
सर्दी के इस मौसम में एक अलाव और एक कंबल किसी की जान बचा सकता है।
प्रशासन से अपील है कि वह संवेदनशीलता दिखाते हुए त्वरित कदम उठाए।
आप भी इस मुद्दे पर अपनी राय साझा करें और जरूरतमंदों की आवाज बनें।





