
#देवघर #साइबर_अभियान : ग्रामीण इलाकों में छापेमारी, पेट्रोलिंग और जन-जागरूकता के माध्यम से पुलिस ने साइबर अपराध रोकथाम पर जोर दिया
- कई थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई।
- पुलिस टीम ने पेट्रोलिंग कर ग्रामीणों को जागरूक किया।
- स्थानीय मुखिया, प्रधानाध्यापक और वार्ड पार्षदों के साथ बैठक हुई।
- छात्रों और ग्रामीणों को साइबर ठगी और कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई।
- आम लोगों को 1930 टोल फ्री नंबर और एनसीआरपी–प्रतिबिंब पोर्टल के उपयोग से अवगत कराया गया।
देवघर में साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने अपने अभियान को और अधिक सख्त तथा व्यापक बना दिया है। शुक्रवार को एसपी सौरभ के निर्देश पर जिले के विभिन्न प्रभावित इलाकों में पुलिस टीमों ने गहन छापेमारी और जागरूकता की संयुक्त कार्रवाई की। पथरौल थाना क्षेत्र के पथरा, सारठ थाना क्षेत्र के कपसा, तथा पथरड्डा ओपी के पंसारी ग्राम में की गई छापेमारी का उद्देश्य साइबर क्राइम में शामिल संभावित नेटवर्क को कमजोर करना और आम लोगों में सतर्कता पैदा करना था।
छापेमारी और पेट्रोलिंग से बढ़ी सतर्कता
पुलिस टीमों ने छापेमारी के बाद प्रभावित इलाकों में पेट्रोलिंग कर ग्रामीणों को साइबर अपराध के बढ़ते मामलों और कठोर कानूनी प्रावधानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि साइबर अपराध देशभर में तेजी से फैल रहा है, इसलिए इन क्षेत्रों में सतर्कता और कड़े कदम उठाना आवश्यक हो गया है।
जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्ध जनों से बैठक
पुलिस टीम ने स्थानीय स्तर पर कई प्रभावशाली लोगों – मुखिया, प्रधानाध्यापक और वार्ड पार्षदों – के साथ बैठक की। बैठक में उन्हें साइबर अपराधियों के तरीकों, उनके संपर्क में आने के जोखिमों, तथा ऐसे मामलों में पुलिस की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। इन जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि वे गांव–गांव जाकर लोगों को जागरूक करें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस तक पहुंचाएं।
बच्चों और युवाओं को दी गई महत्वपूर्ण सीख
स्कूल के बच्चों और युवाओं को साइबर अपराध के खतरों और उसके दीर्घकालिक दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया। उन्हें बताया गया कि आसान पैसे कमाने के नाम पर साइबर अपराधी बच्चों को अपने जाल में फंसाते हैं, इसलिए ऐसे किसी भी लालच से बचना जरूरी है। पुलिस ने उदाहरण देकर समझाया कि कैसे छोटे-छोटे कदम बच्चों को इस अपराध की दुनिया से दूर रख सकते हैं।
साइबर ठगी के तरीकों और बचाव के उपाय
ग्रामीणों को साइबर ठगी के नए और बदलते हुए तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें समझाया गया कि अज्ञात लिंक, फर्जी कॉल, केवाईसी अपडेट के नाम पर धोखाधड़ी, और बैंक संबंधी गलत सूचनाओं से कैसे सतर्क रहना चाहिए। साथ ही टोल–फ्री नंबर 1930, एनसीआरपी पोर्टल, और प्रतिबिंब पोर्टल के उपयोग के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया ताकि लोग तुरंत शिकायत कर सकें और समय रहते अपना नुकसान रोक सकें।



न्यूज़ देखो: साइबर अपराध रोकथाम में देवघर पुलिस की सक्रियता समाज के लिए सुरक्षित माहौल तैयार कर रही है
देवघर पुलिस की यह पहल बताती है कि केवल पकड़–धकड़ ही समाधान नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करना भी उतना ही जरूरी है। साइबर अपराध तेजी से बदल रहा है और उसके खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक भागीदारी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। पुलिस–जन सहयोग से ही ऐसे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
साइबर सुरक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है—सतर्क रहें, जागरूक बनें
आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध से बचने के लिए हर नागरिक को सतर्क रहना आवश्यक है। अपनी सुरक्षा खुद सुनिश्चित करें और आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें और समाज को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका निभाएं। अपनी राय कमेंट करें, यह खबर आगे भेजें और साइबर सुरक्षा की इस मुहिम को और मजबूत बनाएं।





