#देवघर #शिक्षा_सम्मान : झारखंड से एकमात्र शिक्षिका बनीं राष्ट्रीय स्तर पर चयनित
- देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित।
- देशभर के 45 शिक्षकों में झारखंड से एकमात्र प्रतिनिधित्व।
- वर्तमान में कर रही हैं शिक्षण कार्य विवेकानंद मध्य विद्यालय देवघर में।
- बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने और शिक्षकों को अपग्रेड करने के प्रयास को मिली पहचान।
- इससे पहले भी मिला जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान।
देवघर। शिक्षा जगत के लिए गौरव का क्षण तब आया जब देवघर की समर्पित शिक्षिका श्वेता शर्मा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित किया गया। वे पूरे देश से चयनित 45 शिक्षकों में झारखंड की अकेली प्रतिनिधि हैं। वर्तमान में वे विवेकानंद मध्य विद्यालय, देवघर में पढ़ा रही हैं और अपनी मेहनत, लगन और नवीन शिक्षण पद्धति के लिए जानी जाती हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली ऐतिहासिक उपलब्धि
राष्ट्रीय चयन प्रक्रिया के दौरान श्वेता शर्मा को सात मिनट की प्रस्तुति ज्यूरी के सामने देनी थी। ज्यूरी ने उनके प्रयासों को सराहा और कहा कि प्राइमरी शिक्षक, खासकर पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षकों को अक्सर हल्के में लिया जाता है, लेकिन श्वेता शर्मा ने इस धारणा को तोड़ा और खुद को लगातार अपग्रेड व अपडेट किया।
बच्चों के प्रति समर्पण और शिक्षण की नई शैली
श्वेता शर्मा ने शिक्षा को बच्चों के लिए रोचक बनाने के उद्देश्य से खेल-खेल में पढ़ाने की पद्धति अपनाई। इसके साथ ही उन्होंने सिर्फ अपने विद्यालय तक सीमित न रहते हुए अन्य स्कूलों के शिक्षकों को भी अपने अनुभव से अपडेट और अपग्रेड करने का कार्य किया। यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
श्वेता शर्मा: “मेरे लिए बच्चे सिर्फ विद्यार्थी नहीं बल्कि जिम्मेदारी हैं। उनका भविष्य संवारना ही मेरा असली पुरस्कार है।”
पहले भी मिल चुका है सम्मान
यह पहली बार नहीं है जब श्वेता शर्मा को उनकी मेहनत का फल मिला हो।
- 2017 में उन्हें जिला स्तरीय श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार मिला।
- 2018 में राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।
- 2021 में उन्हें राष्ट्रीय आईसीटी अवार्ड प्राप्त हुआ।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित होने के बाद श्वेता शर्मा को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। शिक्षकों, विद्यार्थियों और समाजसेवियों ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की।
न्यूज़ देखो: शिक्षा में समर्पण से बनती है पहचान
देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा ने यह साबित कर दिया है कि यदि शिक्षक निष्ठा और नवाचार के साथ काम करें तो न केवल बच्चों का भविष्य बदल सकता है, बल्कि पूरे राज्य और देश का नाम भी रोशन किया जा सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा की रोशनी हर घर तक
अब समय है कि हम सब शिक्षा की इस ज्योति को और फैलाएं। समाज के हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे, इसके लिए हमें ऐसे शिक्षकों का सम्मान और प्रोत्साहन करते रहना चाहिए। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि श्वेता शर्मा जैसी प्रेरणादायी कहानियाँ हर घर तक पहुँचें।