
#देवघर #प्रशासनिक_विकास : उपायुक्त ने नवनिर्मित समाहरणालय भवन का निरीक्षण किया, कहा – भवन जनता के हितों को ध्यान में रखकर तैयार हो
- देवघर डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने चरकीपहाड़ी स्थित नवनिर्मित समाहरणालय भवन का किया विस्तृत निरीक्षण।
- हैंडओवर से पहले सभी अधूरे कार्यों को पूरी तरह दुरुस्त करने का दिया निर्देश।
- भवन को जनता के अनुकूल बनाने के लिए हेल्प डेस्क, वेटिंग रूम और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश।
- परिसर में सौंदर्यीकरण और वृक्षारोपण पर दिया विशेष बल, पर्यावरण संतुलन को बताया प्राथमिकता।
- निरीक्षण के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित, गुणवत्ता और तकनीकी पहलुओं की हुई समीक्षा।
देवघर जिले में प्रशासनिक कार्यों को अधिक पारदर्शी, आधुनिक और जनता के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। शनिवार को उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने चरकीपहाड़ी स्थित नवनिर्मित समाहरणालय भवन का निरीक्षण करते हुए निर्माण कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता का जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह भवन केवल सरकारी कार्यालयों का केंद्र नहीं बल्कि जनता की सुविधा और भरोसे का प्रतीक बनेगा।
जनता के अनुकूल समाहरणालय का लक्ष्य
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने निर्माण एजेंसी और कार्यपालक अभियंता को सख्त निर्देश दिया कि हैंडओवर से पूर्व सभी अधूरे और तकनीकी रूप से अधूरे कार्यों को पूरी तरह दुरुस्त कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि “यह समाहरणालय जनता के लिए है, इसलिए इसे जनता के हितों के अनुसार तैयार करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।”
उन्होंने निर्देश दिया कि भवन में आगंतुकों के लिए वेटिंग रूम, हेल्प डेस्क, पर्याप्त बैठने की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। डीसी ने कहा कि आने वाले वर्षों में यह समाहरणालय देवघर की पहचान बनेगा और पारदर्शी प्रशासन का उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
पर्यावरण और सौंदर्यीकरण पर जोर
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने समाहरणालय परिसर के सौंदर्यीकरण और हरियाली पर विशेष बल दिया। उन्होंने वृक्षारोपण अभियान को प्राथमिकता में रखने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रशासनिक भवन केवल कामकाज का स्थान नहीं, बल्कि यह नागरिकों के लिए प्रेरणा का प्रतीक होना चाहिए।
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा: “भवन की सुंदरता और पर्यावरण संतुलन पर उतना ही ध्यान दिया जाए जितना तकनीकी गुणवत्ता पर। हरियाली से ही परिसर को जीवंत और आकर्षक बनाया जा सकता है।”
उन्होंने परिसर में बाउंड्री वॉल, सड़क मार्ग, ड्रेनेज सिस्टम और लैंडस्केपिंग कार्य की भी समीक्षा की तथा डीपीआर के अनुरूप कार्य पूर्ण करने का आदेश दिया।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन
गौरतलब है कि नया समाहरणालय भवन मोहनपुर अंचल के बरमोरिया मौजा में 39 एकड़ भूमि पर तैयार किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक और पर्यावरण अनुकूल भवन होगा, जिसमें आपातकालीन स्थितियों के लिए तीन तरफ सीढ़ियों और लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। भवन के भीतर आधुनिक मीटिंग हॉल, कॉन्फ्रेंस रूम और कई विभागों के कार्यालय एक ही परिसर में स्थापित होंगे।
डीसी ने कहा कि सभी कार्यालयों को एक ही परिसर में लाने से जनता को वन-स्टॉप सुविधा मिलेगी, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं तेज और सरल होंगी। उन्होंने आगे कहा कि यह भवन देवघर को प्रशासनिक दृष्टि से नई पहचान देगा।
निरीक्षण में रहे अधिकारी
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त के साथ उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा, अपर समाहर्ता हीरा कुमार, जिला नजारत उपसमाहर्ता शैलेश कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार भारती, जिला योजना पदाधिकारी मुकेश कुमार, भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता देवनाथ देवेन्द्र नाथ, मोहनपुर बीडीओ संतोष चौधरी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी और डीएमएफटी टीम सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
सभी अधिकारियों ने भवन की संरचना, कार्य योजना और सुरक्षा मानकों पर चर्चा की। उपायुक्त ने प्रत्येक विभाग से कार्य की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट मांगी और निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी कार्यों को पूर्ण करने का आदेश दिया।
देवघर के विकास की नई पहचान
स्थानीय लोगों ने कहा कि नया समाहरणालय भवन देवघर की प्रशासनिक साख को नई ऊंचाई देगा। अब जिले के नागरिकों को विभिन्न विभागों में भटकने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सभी कार्य एक ही परिसर में निपटेंगे। यह भवन पारदर्शी शासन और नागरिक सुविधा दोनों का प्रतीक बनेगा।



न्यूज़ देखो: जनता के लिए प्रशासनिक ढांचा बनेगा देवघर का नया समाहरणालय
देवघर में बन रहा यह समाहरणालय केवल प्रशासनिक भवन नहीं बल्कि नागरिकों के अधिकारों और सुगम सेवा वितरण की दिशा में एक सशक्त पहल है। डीसी नमन प्रियेश लकड़ा का यह प्रयास दिखाता है कि प्रशासन जनता के नजदीक आने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।
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यह समय केवल आलोचना का नहीं, सहभागिता का है। जब प्रशासन जनता की सुविधा के लिए आगे बढ़ रहा है, तब हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर की स्वच्छता, हरियाली और सार्वजनिक संपत्ति के संरक्षण में योगदान दें।
देवघर का यह नया समाहरणालय आने वाले समय में पारदर्शी शासन का प्रतीक बनेगा।
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