
#गिरिडीह #नशामुक्ति : समन्वय और सख्त कार्रवाई पर जोर
- उपायुक्त ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने पर विस्तृत चर्चा की।
- समिति सदस्यों को समन्वय और सहयोग बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
- जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी समाज कल्याण पदाधिकारी ने दी।
- औषधि निरीक्षक को नशावाली दवाइयों की सख्त निगरानी का निर्देश।
- झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई के आदेश जारी।
गिरिडीह के उपायुक्त महोदय की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय एनसीओआरडी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में मादक पदार्थों की तस्करी एवं खेती पर रोकथाम करना और इसके खिलाफ ठोस रणनीति बनाना था। इस दौरान समिति के सभी सदस्यों के साथ विभिन्न स्तर पर समन्वय एवं सहयोग स्थापित करने पर विचार किया गया।
नशा मुक्ति पर चल रहे जागरूकता अभियान
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने अब तक चलाए गए नशा मुक्ति कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में कार्यशालाएं, नुक्कड़ नाटक और अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि समाज के हर वर्ग तक यह संदेश पहुंचे कि नशा जीवन को बर्बादी की ओर ले जाता है।
औषधियों की सख्त निगरानी
बैठक में उपायुक्त ने औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया कि नशावाली दवाओं की बिक्री पर पैनी नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि दवा बेचते समय चिकित्सक की पर्ची को अनिवार्य रूप से जांचा जाए ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
झोलाछाप चिकित्सकों पर कड़ी कार्रवाई
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिले में सक्रिय झोलाछाप चिकित्सकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग न केवल कानून का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और समाज के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।

न्यूज़ देखो: नशामुक्त समाज की ओर महत्वपूर्ण कदम
गिरिडीह में हुई यह बैठक बताती है कि प्रशासन अब नशे के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहा है। यदि समाज, प्रशासन और जागरूक नागरिक एक साथ आएं तो नशा मुक्ति अभियान और अधिक प्रभावी होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नशामुक्त गिरिडीह की ओर बढ़ते कदम
नशे से आज की पीढ़ी को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। अब समय है कि हर नागरिक जागरूक बने और इस जंग में प्रशासन का सहयोग करे। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता का संदेश हर घर तक पहुंचे।