#सिमडेगा #दीपावली_उत्सव : उपायुक्त ने बच्चियों संग दीप जलाकर साझा की खुशियाँ और दी आत्मनिर्भरता का संदेश
- उपायुक्त कंचन सिंह ने सहयोग विलेज की बच्चियों संग दीप जलाए।
- बच्चियों संग फुलझड़ियाँ जलाईं और मिठाइयाँ बाँटीं।
- ओल्ड एज होम और कल्याण गुरुकुल में भी मनाई दीपावली।
- वंचित छात्राओं के प्रशिक्षण की प्रगति देखी और सराहना की।
- प्रेज्हा फाउंडेशन और panIIT Reach Foundation (PARFI) के कार्यों की समीक्षा की।
दीपावली के पावन अवसर पर सिमडेगा की उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने सहयोग विलेज की बच्चियों के साथ अपने आवास पर दीप प्रज्वलित कर पर्व की खुशियाँ साझा कीं। दीपों की रोशनी और हँसी-खुशी से माहौल सराबोर हो गया। उपायुक्त ने बच्चियों संग फुलझड़ियाँ और पटाखे जलाए, मिठाइयाँ बाँटीं और सभी के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी। उन्होंने कहा कि दीपावली का सच्चा आनंद तभी है जब हम समाज के हर वर्ग के साथ खुशियाँ बाँटें और उनके जीवन में प्रकाश फैलाएँ।
समाज के हर वर्ग के साथ साझा की खुशियाँ
दीपावली कार्यक्रम के बाद उपायुक्त ने सिमडेगा जिले में संचालित ओल्ड एज होम, कल्याण गुरुकुल और प्लेस ऑफ सेफ्टी का दौरा किया। उन्होंने बाल संप्रेक्षण गृह और वृद्धाश्रम में बच्चों व बुजुर्गों के साथ दीपावली मनाई और सबको शुभकामनाएँ दीं। उनकी उपस्थिति से सभी के चेहरों पर आत्मीयता और उल्लास झलक उठा।
श्रीमती कंचन सिंह ने कहा: “दीपावली हमें यह सिखाती है कि सच्चा उत्सव तब होता है जब हम दूसरों के जीवन में भी खुशियों के दीप जलाएँ।”
कल्याण गुरुकुल का निरीक्षण और आत्मनिर्भरता का संदेश
इसके पश्चात उपायुक्त ने कल्याण गुरुकुल सिमडेगा का निरीक्षण किया, जो प्रेज्हा फाउंडेशन, झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, और panIIT Reach Foundation (PARFI) के संयुक्त तत्वावधान में संचालित है। यह एक गैर-लाभकारी परियोजना है, जिसका उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों की लड़कियों को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना है।
यहाँ वर्तमान में 50 छात्राएँ असेम्बली लाइन ऑपरेटर और स्विंग मशीन ऑपरेटर ट्रेड में 45 से 60 दिनों का प्रशिक्षण ले रही हैं। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद इन छात्राओं को टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (हुसूर, चेन्नई) और सिल्वर स्पार्क रेमंड्स (बेंगलुरु) में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
उपायुक्त ने प्रशिक्षण लैब, हॉस्टल और अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्राओं से बातचीत की, उनके अनुभव सुने और उन्हें प्रेरित किया।
श्रीमती कंचन सिंह ने कहा: “निरंतर प्रयास और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। आप सब झारखंड की नई पहचान हैं।”
उन्होंने छात्राओं को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं, मिठाइयाँ बाँटीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
महिला सशक्तिकरण और शिक्षा का उज्ज्वल उदाहरण
कल्याण गुरुकुल जैसी पहलें न केवल ग्रामीण युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दे रही हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रही हैं। सिमडेगा जिला प्रशासन द्वारा ऐसी योजनाओं को बढ़ावा देना महिला शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

न्यूज़ देखो: दीपों की रोशनी संग जल रही है आत्मनिर्भरता की लौ
उपायुक्त कंचन सिंह का यह कदम प्रशासनिक दायित्व से आगे बढ़कर मानवीयता का प्रतीक है। यह पहल समाज के उन वर्गों तक दीपावली की रोशनी पहुँचा रही है जहाँ उम्मीदें अक्सर धुंधली पड़ जाती हैं। ऐसी पहलें दिखाती हैं कि प्रशासन जब संवेदनशील बनता है, तो विकास केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि मुस्कानों में झलकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
रोशनी बाँटने से बढ़ता है उजाला
दीपावली केवल अपने घरों को रोशन करने का पर्व नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी उम्मीद की किरण जगाने का अवसर है। आइए हम सब मिलकर इस संदेश को आगे बढ़ाएँ। समाज में खुशियाँ बाँटें, सहयोग करें और जरूरतमंदों तक रोशनी पहुँचाएँ। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और इस दीपावली को सच में खास बनाएं।