
#सिमडेगा #छठ_पर्व : शंख नदी संगम घाट पर उपायुक्त ने परिवार संग सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर जिलेवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की
- उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत पूर्ण किया।
- पूजा स्थल शंख नदी संगम घाट पर पारंपरिक विधि-विधान से सूर्य देव को जल अर्पित किया गया।
- उपायुक्त ने कहा कि छठ पर्व प्रकृति और मानव के गहरे संबंध का प्रतीक है।
- उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था और स्वच्छता कार्यों की प्रशंसा की।
- जिलेभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ छठ पर्व का समापन हुआ।
सिमडेगा। लोक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक छठ महापर्व जिले में मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ।
सिमडेगा की उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने अपने पूरे परिवार के साथ शंख नदी संगम घाट पर पहुंचकर पारंपरिक तरीके से सूर्य देव की आराधना की।
उन्होंने भगवान भास्कर से जिले के नागरिकों की सुख, समृद्धि और आरोग्यता की मंगल कामना की।
उपायुक्त के साथ जिले के कई प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय श्रद्धालु और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
छठ पर्व: अनुशासन, स्वच्छता और प्रकृति का उत्सव
छठ महापर्व भारत की सबसे अनुशासित और वैज्ञानिक परंपराओं में से एक है।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि यह पर्व मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य का जीवंत उदाहरण है।
सूर्य, जल, वायु और धरती को जीवन का आधार मानकर यह पर्व हमें संयम, स्वच्छता और कृतज्ञता सिखाता है।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “छठ पर्व केवल पूजा नहीं, बल्कि आत्मसंयम और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि छठ पूजा में अपनाए जाने वाले नियम और अनुशासन आज भी समाज में स्वच्छता, संयम और एकता की प्रेरणा देते हैं।
प्रशासनिक प्रबंधन और जनसहयोग से सजा घाट
जिले के प्रमुख शंख नदी संगम स्थल समेत सभी घाटों पर प्रशासन की ओर से विशेष तैयारियां की गईं।
सफाई, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन ने पहले से ही विस्तृत योजना बनाई थी।
स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं और समाजसेवियों ने प्रशासन के साथ मिलकर पूरे आयोजन को सफल बनाया।
उपायुक्त ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “साझेदारी से ही सामाजिक त्योहार सुरक्षित और सुंदर बनते हैं।”
उन्होंने कहा: “प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयास से इस बार का छठ पर्व पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा। सभी सहयोगियों को धन्यवाद।”
आस्था और भक्ति से गूंज उठा सिमडेगा
सुबह की पहली किरण के साथ ही पूरे सिमडेगा जिले में भक्ति और उल्लास का वातावरण छा गया।
महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में गीत-संगीत के साथ सूर्यदेव की आराधना में लीन रहीं।
घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही, वहीं प्रशासनिक कर्मी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में मुस्तैद रहे।
पूरे क्षेत्र में छठ गीतों की मधुर ध्वनि और लोक आस्था की ऊर्जा ने वातावरण को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया।

न्यूज़ देखो: छठ पर्व बना सिमडेगा की सामाजिक एकता का प्रतीक
सिमडेगा में मनाया गया यह छठ पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जन-भागीदारी और प्रशासनिक समर्पण का उदाहरण बन गया।
उपायुक्त कंचन सिंह की सहभागिता ने यह दिखाया कि जब नेतृत्व जनता के साथ खड़ा होता है, तो समाज में आस्था और भरोसे का नया संचार होता है।
यह पर्व बताता है कि लोक परंपरा और प्रशासनिक जिम्मेदारी का संगम ही वास्तविक विकास की पहचान है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
छठ से सीखें अनुशासन और प्रकृति के प्रति सम्मान
छठ पर्व हमें सिखाता है कि जब हम प्रकृति और अनुशासन को जीवन में अपनाते हैं, तो समाज में संतुलन और समृद्धि आती है।
आइए इस छठ से प्रेरणा लेकर स्वच्छता, संयम और सामूहिकता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
सजग रहें, सहयोगी बनें।
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