
#सिमडेगा #पर्यटन_विकास : उपायुक्त ने स्वच्छता, सुविधा और पर्यटन विस्तार को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
- उपायुक्त कंचन सिंह ने परिसदन भवन व केलाघाघ डैम का किया निरीक्षण।
- परिसदन भवन की साफ–सफाई में सुधार हेतु अधिकारियों को दिए त्वरित निर्देश।
- केलाघाघ को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए समग्र कार्ययोजना बनाने पर जोर।
- साइनबोर्ड, पार्किंग, ट्रैकिंग रूट, शुल्क प्रणाली, पेयजल आदि सुविधाओं के विकास पर निर्देश।
- डैम क्षेत्र को सुंदर बनाने हेतु जनसहभागिता से झाड़ियां हटाने का सुझाव।
- बोटिंग/नौका परिचालन शुरू करने की दिशा में पहल करने को कहा।
सिमडेगा में पर्यटन को सशक्त बनाने की दिशा में उपायुक्त कंचन सिंह ने सोमवार को परिसदन भवन और प्रसिद्ध केलाघाघ पर्यटन स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सबसे पहले परिसदन भवन परिसर का जायजा लिया और पाया कि सफाई व्यवस्था और रखरखाव में अनेक सुधार की आवश्यकता है। इस पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तुरंत आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि “पर्यटन विकास के लिए सरकारी परिसरों और पर्यटक स्थलों की स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। साफ-सुथरा और व्यवस्थित परिसर पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करता है।’’
केलाघाघ में पर्यटन बढ़ाने की व्यापक संभावना
परिसदन भवन के बाद उपायुक्त कंचन सिंह केलाघाघ डैम क्षेत्र पहुंचे। उन्होंने डैम परिसर, आस-पास की संरचनाओं और प्राकृतिक परिवेश का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि केलाघाघ सिमडेगा की प्राकृतिक धरोहर है और इसे और विकसित कर जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिल सकती है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि इस स्थल को विकसित करने के लिए एक समग्र पर्यटन कार्ययोजना आवश्यक है, ताकि सुविधाएं बढ़ें, पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकें।
उपायुक्त ने दिए प्रमुख निर्देश
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने अधिकारियों को पर्यटन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए—
1. स्वच्छता और रख-रखाव
- पर्यटन क्लब के माध्यम से नियमित सफाई कार्य सुनिश्चित किया जाए।
- डैम के किनारे उगी झाड़ियों को जनसहभागिता के माध्यम से साफ कराया जाए, ताकि स्थल सुंदर और आकर्षक दिखे।
2. बुनियादी सुविधाओं का विकास
- पार्किंग स्थल को व्यवस्थित रूप से विकसित किया जाए।
- स्पष्ट व सुंदर साइनबोर्ड लगाए जाएं।
- ट्रैकिंग रूट निर्धारित कर सुरक्षित मार्ग बनाए जाएं।
- पेयजल की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
3. राजस्व एवं पर्यटक प्रबंधन
- वाहनों से निर्धारित शुल्क वसूली की प्रणाली लागू की जाए।
- बोटिंग/नौका परिचालन की संभावनाओं पर गंभीरता से काम किया जाए।
उपायुक्त ने डैम की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण की भी सराहना की और कहा कि “यह स्थल यदि सुव्यवस्थित ढंग से विकसित किया जाए, तो सिमडेगा का प्रमुख पर्यटन केंद्र बन सकता है।’’
निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी
निरीक्षण में अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र, नजारत उप समाहर्ता-सह-सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर रेनियर खालखो, शिक्षा अधीक्षक दीपक राम, नगर प्रशासन से जुड़े अधिकारी, केलाघाघ मत्स्यजीवी समिति के सदस्य, तथा विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: सिमडेगा में पर्यटन विकास की मजबूत संभावनाएँ
सिमडेगा जिला प्राकृतिक संसाधनों और खूबसूरत स्थलों से भरपूर है। केलाघाघ जैसे शांत और रमणीय स्थल यदि प्रशासन व जनसहयोग से विकसित किए जाएं तो यह क्षेत्र रोजगार, पर्यटन और आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा कर सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सिमडेगा के पर्यटन को नई दिशा देने का समय
स्थानीय लोग भी पर्यटन विकास के लिए आगे आएं।
स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा पर मिलकर ध्यान दें।
केलाघाघ जैसे स्थलों को सुरक्षित, सुंदर और आकर्षक बनाए रखें।
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