
#गुमला #प्रशासनिक_दौरा : सुदूरवर्ती और आकांक्षी गांव औरापाट में उपायुक्त ने योजनाओं की जमीनी हकीकत परखी — शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और बुनियादी सुविधाओं को लेकर दिए सख्त निर्देश
- उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने डुमरी प्रखंड के सुदूरवर्ती औरापाट ग्राम का किया निरीक्षण।
- राजकीय प्राथमिक विद्यालय औरापाट में पढ़ाई की गुणवत्ता, भवन निर्माण और बुनियादी सुविधाओं की जांच।
- विद्यालय परिसर में बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए शीघ्र एस्टीमेट तैयार करने का निर्देश।
- राज्य उद्यान विकास योजना के तहत 20 घरों में मशरूम खेती की प्रगति की समीक्षा।
- जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, आधार व राशन अपडेट के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का आदेश।
- स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल, नेटवर्क और आंगनवाड़ी सेवाओं को लेकर विभागों को स्पष्ट निर्देश।
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत सुदूरवर्ती एवं आकांक्षी गांव औरापाट में मंगलवार को प्रशासनिक सक्रियता का व्यापक उदाहरण देखने को मिला, जब उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने “प्रोजेक्ट द्वार” के तहत गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सरकारी योजनाओं की वास्तविक स्थिति का गहन मूल्यांकन किया और ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं, जरूरतों और सुझावों को सुना। शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं पर केंद्रित यह दौरा न केवल निरीक्षण तक सीमित रहा, बल्कि समाधानोन्मुख प्रशासनिक हस्तक्षेप का उदाहरण भी बना।
शिक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा, खुद बनीं शिक्षिका
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय औरापाट का निरीक्षण करते हुए बच्चों से सीधा संवाद किया। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई की स्थिति को समझा और कुछ समय के लिए स्वयं शिक्षक की भूमिका निभाते हुए कक्षा में पढ़ाया। बच्चों के साथ इस आत्मीय संवाद ने विद्यालय में सकारात्मक माहौल बनाया।
विद्यालय परिसर की संरचनात्मक स्थिति का अवलोकन करते हुए उपायुक्त ने बाउंड्री वॉल निर्माण हेतु शीघ्र एस्टीमेट तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही नव निर्मित भवन, किचन शेड, बाथरूम सहित अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच की गई।
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा: “शिक्षा बच्चों का भविष्य तय करती है, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या गुणवत्ता से समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने शिक्षकों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि विद्यालय स्तर पर अनुशासन, नियमित पढ़ाई और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
ग्राम सभा में सीधा संवाद, आजीविका पर विशेष फोकस
दौरे के क्रम में उपायुक्त ने ग्राम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों से खुलकर बातचीत की। इस दौरान महिलाओं द्वारा की जा रही मशरूम की खेती की जानकारी ली गई। यह खेती राज्य उद्यान विकास योजना के तहत जिला हॉर्टिकल्चर कार्यालय, गुमला द्वारा उपलब्ध कराए गए मशरूम किट और प्रशिक्षण के माध्यम से संचालित की जा रही है।
वर्तमान में गांव के लगभग 20 घरों में मशरूम उत्पादन हो रहा है। उपायुक्त ने स्वयं घर-घर जाकर इस गतिविधि का अवलोकन किया और इसे ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बताया।
उपायुक्त ने कहा: “मशरूम खेती कम लागत में बेहतर आमदनी का साधन है, इसे और अधिक घरों तक पहुंचाया जाएगा।”
स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर त्वरित निर्देश
ग्रामीणों से संवाद के दौरान स्वास्थ्य, टीकाकरण, बाजार व्यवस्था, सिंचाई और पेयजल से जुड़ी समस्याएं सामने आईं। एक महिला ग्रामीण की आंख में मोतियाबिंद की समस्या पर तुरंत संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने सदर अस्पताल में नि:शुल्क ऑपरेशन कराने का निर्देश दिया।
साथ ही जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्माण, आयुष्मान कार्ड, आधार अपडेट और राशन कार्ड संशोधन के लिए गुरुवार को विशेष शिविर आयोजित करने हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेशित किया गया। इसके अतिरिक्त, आम सभा आयोजित कर सहिया चयन के भी निर्देश दिए गए।
बिजली, नेटवर्क और बुनियादी ढांचे की समीक्षा
बिजली व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बिजली विभाग को निर्देश दिया कि छूटे हुए घरों में शीघ्र विद्युत कनेक्शन दिया जाए, खराब ट्रांसफार्मरों की मरम्मत सुनिश्चित हो और क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति बहाल की जाए।
मोबाइल टावर और नेटवर्क सुविधा का निरीक्षण कर इंटरनेट कनेक्टिविटी सुदृढ़ बनाए रखने पर भी जोर दिया गया।
आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण, सेवाओं में सुधार के निर्देश
दौरे के दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया, जहां बच्चों की उपस्थिति, पोषण आहार और अन्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने संबंधित कर्मियों को सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए, ताकि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में ठोस सुधार हो सके।
अधिकारियों की उपस्थिति से मजबूत हुआ प्रशासनिक समन्वय
इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी चैनपुर, कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला हॉर्टिकल्चर पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई, सहायक जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे। सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश दिया गया।
न्यूज़ देखो: प्रोजेक्ट द्वार से गांव तक पहुंचता प्रशासन
यह दौरा दर्शाता है कि जिला प्रशासन अब कागजी योजनाओं से आगे बढ़कर गांव की जमीन पर वास्तविक बदलाव लाने की दिशा में सक्रिय है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका जैसे मूलभूत मुद्दों पर उपायुक्त की सीधी पहल प्रशासनिक संवेदनशीलता को दर्शाती है। ऐसे निरीक्षणों से न केवल योजनाओं की खामियां उजागर होती हैं, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होती है।
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विकास में भागीदार बनें, बदलाव की आवाज उठाएं
औरापाट जैसे सुदूर गांवों में प्रशासनिक पहुंच तभी सफल मानी जाएगी, जब ग्रामीण भी जागरूक होकर योजनाओं का लाभ उठाएं। शिक्षा की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और आजीविका के अवसर — ये सब सामूहिक प्रयास से ही सशक्त बनते हैं।





