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गिरिडीह में सेवा का अधिकार सप्ताह के शिविरों का उपायुक्त रामनिवास यादव ने किया निरीक्षण, ग्रामीणों को मिला योजनाओं का त्वरित लाभ

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#गिरिडीह #सेवाकाअधिकार : उपायुक्त ने डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड के शिविरों में पहुंचकर योजनाओं के स्टॉलों का अवलोकन किया और लाभुकों से मिलकर सेवा वितरण की स्थिति जानी।
  • उपायुक्त रामनिवास यादव ने डुमरी छछंदों और पीरटांड़ बांध पंचायत के शिविरों का निरीक्षण किया।
  • शिविर में लगे विभिन्न योजनाओं के स्टॉलों का अवलोकन कर लाभुकों से संवाद किया।
  • बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार कराया गया और गर्भवती महिलाओं की गोदभराई रस्म संपन्न कराई गई।
  • महिला लाभुकों को पौष्टिक आहार, आयरन-कैल्शियम सेवन और स्वास्थ्य जांच की जानकारी दी गई।
  • 21–28 नवंबर 2025 तक चल रहा सेवा का अधिकार सप्ताह ग्रामीणों को ऑन-द-स्पॉट सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।
  • जाति, आय, राशन कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित कई सेवाएं झारखंड सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्रदान की जा रही हैं।

गिरिडीह जिले में सेवा का अधिकार सप्ताह के दौरान आयोजित शिविरों का निरीक्षण करते हुए उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं की उपलब्धता और योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लिया। डुमरी प्रखंड के छछंदों पंचायत और पीरटांड़ प्रखंड के बांध पंचायत में आयोजित शिविरों में उन्होंने लाभुकों से बातचीत की और योजनाओं के लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया को समझा। शिविरों में अन्नप्राशन संस्कार से लेकर गोदभराई कार्यक्रम तक का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीण परिवारों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। सेवा का अधिकार सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न प्रमाण पत्रों व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का त्वरित निष्पादन किया जा रहा है।

शिविरों में योजनाओं के स्टॉलों का निरीक्षण

उपायुक्त ने शिविर स्थल पर पहुंचकर प्रत्येक स्टॉल का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों से पूछताछ कर यह सुनिश्चित किया कि लाभुकों को समयबद्ध और पारदर्शी सेवाएं मिल रही हैं।
जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों का तुरंत निपटारा किए जाने की व्यवस्था को देखकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। ग्रामीणों ने भी बताया कि सामान्यतः लंबी प्रक्रिया वाली सेवाएं उन्हें शिविर में तुरंत उपलब्ध हो रही हैं।

अन्नप्राशन और गोदभराई कार्यक्रम से बढ़ा जनसहभाग

शिविर के दौरान छोटे बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार किया गया, जिसमें उपायुक्त स्वयं शामिल हुए और बच्चों को खीर खिलाई। इसी क्रम में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई रस्म भी पारंपरिक रूप से संपन्न कराई गई।
इस अवसर पर ठाकुर महिलाओं को पौष्टिक भोजन, आयरन-फोलिक एसिड टैबलेट और स्वास्थ्य निगरानी से जुड़ी महत्वपूर्ण सलाह दी गई।

स्वास्थ्य और पोषण पर दिया गया विशेष जोर

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने महिलाओं को समझाया कि गर्भावस्था के दौरान पोषक आहार अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने महिलाओं को हरा साग-सब्जी, अंडा, दूध, फल, मछली जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों के सेवन के लिए प्रेरित किया। साथ ही कैल्शियम और आयरन से जुड़ी दवाओं का नियमित सेवन और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने की भी अपील की।

सेवा का अधिकार सप्ताह: योजनाओं का त्वरित लाभ

21 से 28 नवंबर 2025 तक आयोजित यह सप्ताह ग्रामीण जनता को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए चलाया जा रहा है।
इस दौरान झारखंड राज्य सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत मिलने वाली कई महत्वपूर्ण सेवाओं का शिविर में ही निपटारा किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, कई जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की जा रही है, जैसे:

  • मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना
  • अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
  • बिरसा हरित ग्राम योजना
    लोगों को इन योजनाओं के लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया।

ग्रामीणों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया

शिविर में आए ग्रामीणों ने बताया कि योजनाओं की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया एक ही स्थान पर मिलने से उन्हें काफी सुविधा हो रही है।
लंबे समय से लंबित कई कागजात एक ही दिन में जारी हो जाने से ग्रामीणों में संतोष और विश्वास का माहौल बना है।

उपायुक्त ने दिए आवश्यक निर्देश

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिविर में आने वाले हर लाभुक को योजनाओं की जानकारी और सटीक मार्गदर्शन मिले।
उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार सप्ताह का उद्देश्य केवल प्रमाण पत्र देना नहीं बल्कि जनता को सरकारी सेवाओं के प्रति जागरूक और सशक्त बनाना भी है।

न्यूज़ देखो: शिविरों ने बढ़ाई ग्रामीण प्रशासन में भरोसे की भावना

इस निरीक्षण ने यह स्पष्ट किया कि सरकार की योजनाएं जब गांवों तक सुविधा के साथ पहुंचती हैं तो जनता का भरोसा मजबूत होता है। सेवा का अधिकार सप्ताह जैसे कार्यक्रम प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम करते हैं और त्वरित सेवा वितरण की मिसाल स्थापित करते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

विकास का रास्ता गांवों से होकर जाता है

गिरिडीह के इन शिविरों ने दिखा दिया कि जब प्रशासन सक्रियता दिखाता है, तो बदलाव की राह खुद बन जाती है। गांवों तक योजनाओं की पहुंच, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता, और दस्तावेज़ों का त्वरित निपटारा—ये सब मिलकर जनकल्याण को मजबूत करते हैं।
अब समय है कि हम सभी जागरूक नागरिक बनकर अपनी योजनाओं की जानकारी लें, दूसروں तक भी जागरूकता पहुंचाएं, और विकास की इस यात्रा को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और ग्रामीण विकास की इस पहल को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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