#गिरिडीह #प्रशासनिकबैठक : उपायुक्त ने समाहरणालय सभागार में लंबित सामान्य, विधि, उच्च न्यायालय और मानवाधिकार मामलों की समीक्षा कर त्वरित निस्तारण के आदेश दिए
- गिरिडीह उपायुक्त ने सभी विभागों के लंबित मामलों की गहन समीक्षा की।
- अधिकारियों को निर्देश दिए कि शपथ पत्र/एफिडेविट तुरंत दाखिल कर कोर्ट को अद्यतन स्थिति बताएं।
- अदालती मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी गई।
- गंभीर व जटिल मामलों की जानकारी उच्चाधिकारियों तक शीघ्र पहुंचाने का आदेश।
- मानवाधिकार और उच्च न्यायालय मामलों को प्राथमिकता पर निस्तारित करने पर जोर।
गिरिडीह जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया कि लंबित अदालती और मानवाधिकार मामलों में अब किसी भी तरह की देरी स्वीकार्य नहीं होगी। समाहरणालय सभागार में हुई समीक्षा बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाकर मामलों की क्रमवार समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। उपायुक्त ने यह भी साफ कर दिया कि अदालत से जुड़े मामलों में निष्क्रियता या ढिलाई को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लंबित मामलों की विस्तृत समीक्षा
बैठक के दौरान सभी विभागों के लंबित मामलों की क्रमवार समीक्षा की गई। जिन मामलों में अदालती कार्यवाही धीमी है, उनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई गई और निस्तारण के लिए समयबद्ध योजना बनाने को कहा गया। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि शपथ पत्र और एफिडेविट तत्काल दाखिल किए जाएं ताकि अदालत को सही स्थिति से अवगत कराया जा सके और अनावश्यक विलंब न हो।
जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर
उपायुक्त ने चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी की लापरवाही या निष्क्रियता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय से लंबित मामलों के शीघ्र समाधान के लिए व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी। गंभीर और जटिल मामलों की जानकारी तुरंत जिला स्तर या उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का निर्देश भी दिया गया, ताकि इन मामलों का त्वरित निदान संभव हो सके।
मानवाधिकार और विशेष मामलों पर विशेष ध्यान
बैठक में यह दोहराया गया कि मानवाधिकार, उच्च न्यायालय और अन्य विशेष मामलों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा। इन मामलों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निष्पादन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि अदालती प्रक्रिया को किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा और सभी विभागों को सतर्क रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा।



न्यूज़ देखो: जवाबदेही से ही होगा न्याय सुनिश्चित
गिरिडीह प्रशासन की इस बैठक से यह संदेश साफ है कि अब अदालती और मानवाधिकार मामलों को लटकाने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं होगी। जब अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी, तभी न्याय व्यवस्था को गति मिलेगी और जनता का भरोसा प्रशासन पर मजबूत होगा।
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समय पर निस्तारण से बढ़ेगा विश्वास
लंबित अदालती मामले आम जनता को वर्षों तक परेशान करते हैं। अब जरूरत है कि अधिकारी समय पर कार्रवाई करें और पारदर्शिता से काम करें। आइए हम सभी सजग नागरिक बनकर प्रशासन के इस प्रयास का समर्थन करें। अपनी राय कमेंट में साझा करें और खबर को दूसरों तक पहुंचाएं ताकि जागरूकता बढ़े।