#गिरिडीह #स्वास्थ्य_व्यवस्था : अस्पताल परिसर में बिचौलियों की बढ़ती सक्रियता पर उपायुक्त सख्त — डॉक्टरों को समयपालन और मरीजों के सम्मान का निर्देश
- उपायुक्त रामनिवास यादव ने गिरिडीह सदर अस्पताल और मातृत्व शिशु केंद्र का औचक निरीक्षण किया
- डॉक्टरों की उपस्थिति, अस्पताल की व्यवस्था और मरीज सुविधाओं की गहन समीक्षा की गई
- बिचौलियों की सक्रियता पर सिविल सर्जन ने जताई चिंता, जल्द कार्रवाई का भरोसा
- उपायुक्त ने कहा: “स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, मरीजों से हो सम्मानजनक व्यवहार”
- वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ हुई विशेष बैठक, व्यवस्था सुधारने पर सहमति बनी
अस्पताल निरीक्षण से निकली सख्त चेतावनी
मंगलवार सुबह 10 बजे उपायुक्त रामनिवास यादव ने अचानक गिरिडीह सदर अस्पताल और मातृत्व शिशु केंद्र का निरीक्षण कर अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों को चौंका दिया। इस दौरान उपायुक्त ने डॉक्टरों के साथ एक विशेष बैठक भी की, जिसमें अस्पताल की मौजूदा स्थिति, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, और डॉक्टरों की उपस्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा: “चिकित्सा सेवा एक पवित्र जनसेवा है, इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं चलेगी। डॉक्टर तय समय पर अपनी ड्यूटी निभाएं और मरीजों को सम्मान दें।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मरीजों की ओर से कोई शिकायत मिली, तो संबंधित स्टाफ के विरुद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
‘बिजोलिया वाद’ पर सिविल सर्जन की चिंता
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. शेख मुहम्मद जफरुल्लाह ने एक गंभीर समस्या को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में बिचौलियों (बिजोलिया वाद) की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं, जो मरीजों को गुमराह और शोषण कर रहे हैं। ऐसे लोग मरीजों को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने से पहले ही उलझा देते हैं।
सिविल सर्जन डॉ. जफरुल्लाह ने कहा: “इन बिचौलियों के खिलाफ जल्द ही प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की जाएगी ताकि अस्पताल की विश्वसनीयता और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।”
वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ संवाद
निरीक्षण के समय डॉ. आर पी दास, डॉ. सर्जना शर्मा, डॉ. मधुलिका, डॉ. फजल अहमद, डॉ. रवि महर्षि, डॉ. वीरेंद्र कुमार, डॉ. रजी अरशद, डॉ. नीता कुमारी, डॉ. कुमारी निवेदिता, डॉ. एहसान सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे। उपायुक्त ने इन सभी से अस्पताल को स्वच्छ, व्यवस्थित और मरीज हितैषी बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिया कि प्राथमिकता के आधार पर मरीजों को समय पर इलाज मिले, और अस्पताल परिसर में कोई बाहरी व्यक्ति अनावश्यक हस्तक्षेप न करे।
स्वास्थ्य सेवा में अब नहीं होगी लापरवाही
उपायुक्त का यह निरीक्षण और निर्देश स्पष्ट संकेत है कि गिरिडीह जिला प्रशासन अब स्वास्थ्य सेवा के प्रति पूर्ण रूप से सतर्क और प्रतिबद्ध है। मरीजों के हित में उठाए जा रहे कदमों से स्वास्थ्य प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल स्थापित की जा रही है।



न्यूज़ देखो: अस्पताल में सेवा या सिस्टम?
न्यूज़ देखो इस औचक निरीक्षण को जनस्वास्थ्य हित में उठाया गया सार्थक कदम मानता है। बिचौलियों की जड़ें जब अस्पताल जैसी जगहों पर फैलने लगें, तो उनका उखड़ना अनिवार्य हो जाता है। उपायुक्त की सक्रियता और सिविल सर्जन की स्पष्टता इस दिशा में उम्मीद की किरण है। प्रशासन को चाहिए कि आगे भी ऐसे प्रयास सतत जारी रखें ताकि आम जनता को उनका हक समय पर और सम्मानपूर्वक मिले।
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सजग नेतृत्व और जवाबदेही से ही बनेंगे अच्छे अस्पताल
स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता सिर्फ उपकरणों से नहीं, बल्कि सजग नेतृत्व, संवेदनशील डॉक्टरों और पारदर्शी प्रशासन से तय होती है। आइए, हम सब ऐसे प्रयासों का समर्थन करें — इस खबर को शेयर करें, अपनी राय दें, और बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए सामूहिक सहयोग बढ़ाएं।