#डुमरी #स्वास्थ्य_उद्घाटन : गुमला में कुपोषण से लड़ाई का नया हथियार — सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खुला विशेष MTC
- डुमरी सीएचसी में कुपोषण उपचार केंद्र (MTC) का उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो ने किया उद्घाटन
- केंद्र में 0–5 वर्ष के अति गंभीर कुपोषित बच्चों का इलाज अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा
- भर्ती माताओं को प्रतिदिन ₹300 और यात्रा भत्ता, बच्चों को पोषणयुक्त विशेष आहार मिलेगा
- द हंस फाउंडेशन और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से संचालित होगा यह केंद्र
- प्ले एरिया, नियमित फॉलोअप जैसी व्यवस्थाएं इसे समग्र उपचार केंद्र बनाती हैं
कुपोषण के खिलाफ डुमरी की नई शुरुआत
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य सुविधा का शुभारंभ हुआ। उप विकास आयुक्त श्री दिलेश्वर महतो ने फीता काटकर कुपोषण उपचार केंद्र (Malnutrition Treatment Centre – MTC) का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, द हंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि, तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
यह केंद्र उन 0 से 5 वर्ष के अति गंभीर कुपोषित बच्चों के इलाज हेतु समर्पित है, जिनके लिए समय पर इलाज न मिलने पर जीवन संकट में पड़ सकता है।
कैसे काम करेगा यह केंद्र?
द हंस फाउंडेशन और झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साझा सहयोग से स्थापित यह MTC, आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित है। इस केंद्र में:
- भर्ती बच्चों को उच्च पोषणयुक्त विशेष आहार
- माताओं को ₹300 प्रतिदिन भत्ता
- यात्रा के लिए अतिरिक्त सहायता राशि
- उपचार अवधि के बाद सहिया, आंगनबाड़ी सेविका और एएनएम द्वारा नियमित फॉलोअप की व्यवस्था
द हंस फाउंडेशन के राज्य प्रमुख शिशुपाल मेहता और प्रोजेक्ट मैनेजर स्वामी विवेकानंद ने बताया कि केंद्र की सभी सेवाएं WHO व यूनिसेफ के दिशानिर्देशों के अनुसार संचालित होंगी।
नवाचारों से सजा यह केंद्र
प्ले एरिया, रंगीन दीवारें, और मनोरंजक व शैक्षणिक गतिविधियां इस केंद्र को बच्चों के लिए न केवल उपचार केंद्र बनाती हैं, बल्कि मानसिक व सामाजिक विकास का भी हिस्सा बनाती हैं। इस विशेषता की सराहना करते हुए उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो ने कहा:
उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो: “यह केंद्र डुमरी जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले गरीब व कुपोषित बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्ले एरिया जैसा नवाचार बच्चों के मानसिक विकास में मददगार होगा।”
प्रशासनिक और चिकित्सा पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में धनुर्जय सुमराई (एसीएमओ), डॉ. अलबेल केरकेट्टा (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी), डॉ. राजेश शर्मा (आयुष चिकित्सक), राजेश केरकेट्टा (बीपीएम), उमेश कुमार स्वांसी (बीडीओ), रामप्रवेश कुमार (सीओ), कृष्ण मोहन मिश्रा (सीडीएस), प्रभाकर भारती, और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रणाली को मिलेगी मजबूती
डुमरी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में कुपोषण की दर अधिक है। इस केंद्र के संचालन से उन गरीब व पिछड़े परिवारों के बच्चों को राहत मिलेगी, जो अब तक उचित इलाज के लिए भटकते रहे हैं। यह न केवल मृत्यु दर को कम करेगा, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।





न्यूज़ देखो: जनस्वास्थ्य की दिशा में जागरूक और जवाबदेह पहल
झारखंड के पिछड़े इलाकों में कुपोषण से लड़ना केवल स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं, सामाजिक न्याय का भी सवाल है। डुमरी सीएचसी में शुरू हुआ यह केंद्र उस दिशा में एक सार्थक और साहसी पहल है। सरकारी और गैर-सरकारी साझेदारी यदि इस तरह जनहित में काम करे, तो बदलाव की रफ्तार और तेज़ हो सकती है।
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स्वस्थ समाज के लिए सक्रिय भागीदारी ज़रूरी
स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं केवल सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और भागीदारी से ही सफल हो सकती हैं। इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक साझा करें और अपने क्षेत्र में ऐसी पहल को बढ़ावा दें। बच्चों का स्वास्थ्य ही समाज का भविष्य है — इसके लिए हम सबकी भूमिका अहम है।