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गिरिडीह में उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने लगाया जनता दरबार, समस्याओं पर दिए त्वरित निर्देश

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#गिरिडीह #जनता_दरबार : उप विकास आयुक्त ने आम नागरिकों से सीधा संवाद कर प्रशासनिक पारदर्शिता का दिया संदेश
  • उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ जनता दरबार।
  • जिले के विभिन्न प्रखंडों से बड़ी संख्या में पहुंचे आम नागरिक।
  • भूमि विवाद, पेंशन, राशन कार्ड, आवास सहित कई मामलों पर सुनवाई।
  • संबंधित विभागीय अधिकारियों को मौके पर निर्देश
  • त्वरित समाधान योग्य मामलों के तत्काल निपटारे का आदेश।

मंगलवार को गिरिडीह समाहरणालय परिसर में आयोजित जनता दरबार प्रशासन और आम नागरिकों के बीच संवाद का सशक्त मंच बना। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके समाधान के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जनता दरबार में लोगों की लंबी कतारें यह दर्शा रही थीं कि प्रशासन के इस प्रयास को जनता का भरपूर विश्वास और समर्थन मिल रहा है।

जनता दरबार का उद्देश्य केवल शिकायतें सुनना ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया को संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना भी है। इसी सोच के साथ उप विकास आयुक्त ने प्रत्येक फरियादी की बात ध्यानपूर्वक सुनी और यथासंभव त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का प्रयास किया।

प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद

जनता दरबार को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने कहा कि जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को प्रशासन तक सहज पहुंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा:

स्मृता कुमारी ने कहा: “जनता दरबार के माध्यम से हम लोगों की वास्तविक समस्याओं को सीधे समझ पाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रशासनिक तंत्र संवेदनशीलता के साथ कार्य करे।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता और प्रशासन के बीच संवाद जितना मजबूत होगा, उतनी ही तेजी से समस्याओं का समाधान संभव होगा। यही कारण है कि जनता दरबार को नियमित और प्रभावी तरीके से आयोजित किया जा रहा है।

किन-किन समस्याओं पर हुई सुनवाई

जनता दरबार में जिले के अलग-अलग हिस्सों से आए नागरिकों ने अपनी व्यक्तिगत और सामूहिक समस्याएं रखीं। प्रमुख रूप से निम्नलिखित विषयों से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए:

  • भूमि विवाद और दाखिल-खारिज से जुड़े मामले।
  • जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र से संबंधित शिकायतें।
  • पेंशन योजनाओं में विलंब या नाम छूटने की समस्याएं।
  • राशन कार्ड निर्गमन और त्रुटि सुधार से जुड़े आवेदन।
  • आवास योजनाओं के लाभ से वंचित लोगों की शिकायतें।

इन सभी मामलों को सुनने के बाद उप विकास आयुक्त ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन मामलों में तत्काल कार्रवाई संभव है, उनका नियमानुसार त्वरित निपटारा किया जाए और जिन मामलों में समय लगेगा, वहां आवेदकों को स्पष्ट जानकारी दी जाए।

अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश

जनता दरबार के दौरान उप विकास आयुक्त ने अधिकारियों को चेताया कि किसी भी आवेदन को अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए। उन्होंने कहा कि आम नागरिक जब अपनी समस्या लेकर जनता दरबार तक पहुंचता है, तो उसे न्याय और समाधान की उम्मीद होती है।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूमि विवाद जैसे संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष जांच कर शीघ्र निर्णय लिया जाए। वहीं पेंशन, राशन और आवास जैसे मामलों में पात्र लाभुकों को किसी भी स्थिति में वंचित न रखा जाए।

उपस्थित रहे वरिष्ठ अधिकारी

जनता दरबार के दौरान प्रशासनिक स्तर पर भी पूरी गंभीरता देखने को मिली। इस अवसर पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, परीक्ष्यमान उपसमाहर्ता सहित विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों की उपस्थिति से यह सुनिश्चित हुआ कि शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लिया जा सके और आवश्यक कार्रवाई के आदेश मौके पर ही दिए जा सकें।

आम नागरिकों ने जताया संतोष

जनता दरबार में पहुंचे कई नागरिकों ने बताया कि उन्हें पहली बार अपनी समस्या सीधे जिले के वरीय पदाधिकारी के समक्ष रखने का अवसर मिला। कई मामलों में मौके पर ही समाधान मिलने से लोगों में प्रशासन के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ।

कुछ फरियादियों ने कहा कि यदि इसी तरह नियमित रूप से जनता दरबार का आयोजन होता रहा, तो आम लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में कदम

गिरिडीह में आयोजित यह जनता दरबार प्रशासनिक सुधार और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल समस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो रही है।

जनता दरबार के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट गया कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर है और समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।

न्यूज़ देखो: जनता दरबार से मजबूत होता भरोसा

जनता दरबार जैसे आयोजन प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम करते हैं। गिरिडीह में उप विकास आयुक्त द्वारा की गई यह पहल पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन का उदाहरण है, जहां समस्याओं को सुनकर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिक, जवाबदेह प्रशासन

अपनी समस्याओं को सामने रखना और समाधान की मांग करना हर नागरिक का अधिकार है।
आप भी ऐसे मंचों का उपयोग करें, इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट में रखें और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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