- एबीवीपी झारखंड प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार सिंह ने बजट को सराहा
- शिक्षा क्षेत्र में विशेष सुधार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जोर
- सरकारी स्कूलों को नवीनतम संसाधनों से जोड़ा जाएगा
- 500 करोड़ की लागत से तीन आई-आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
- आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ाने का प्रावधान
- स्टार्टअप के लिए लोन सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ की गई
- कृषि, व्यवसाय और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
बजट में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान
कांडी: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) झारखंड प्रदेश के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार सिंह ने वित्तीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बार का बजट देश को सशक्त दिशा देने वाला है। विशेष रूप से शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों को उन्होंने सराहा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीनतम संसाधनों पर जोर
प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि इस बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूलों को नवीनतम संसाधनों से जोड़ा जाएगा। इससे विद्यार्थियों को हाईटेक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
तीन नए आई-आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
सरकार ने अगले पांच वर्षों में 500 करोड़ रुपये की लागत से तीन आई-आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे युवाओं को उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा मिलेगी और उनका भविष्य उज्जवल होगा।
आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ने से नए अवसर
बजट में आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे। चिकित्सा अनुसंधान में रुचि रखने वाले विद्यार्थी स्वास्थ्य क्षेत्र में अपना योगदान दे सकेंगे।
स्टार्टअप के लिए लोन सीमा बढ़ाई गई
सरकार ने स्टार्टअप के लिए लोन सीमा को 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया है। इससे युवा व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
कृषि, व्यवसाय और स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा
बजट में कृषि, व्यवसाय और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार का यह बजट सर्वस्पर्शी, समावेशी और देश के विकास के लिए कारगर सिद्ध होगा।
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