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एनजीटी की रोक के बावजूद बरवाडीह में आवासीय विद्यालय निर्माण में बालू डंप, प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल

#लातेहार #बालूअवैधउपयोग : एनजीटी प्रतिबंध के बावजूद हेन्देहास आवासीय विद्यालय निर्माण में बालू का खुलेआम भंडारण और प्रशासन मौन

बरवाडीह प्रखंड के हेन्देहास में स्थित अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय के निर्माण कार्य में एनजीटी के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बालू का खुला भंडारण किया जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बीते कई दिनों से निर्माण स्थल पर ट्रैक्टरों के माध्यम से लगातार बालू डंप किया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन पर प्रशासनिक रोक केवल कागजों तक सीमित रह गई है।

निर्माण स्थल पर बालू का भंडारण और एनजीटी की अनदेखी

एनजीटी ने जिले में बालू उठाव और परिवहन पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन संवेदक द्वारा दर्जनों ट्रैक्टर बालू खनिज को भवन निर्माण स्थल पर लाया गया। निर्माण स्थल पर बालू के ढेर ने सरकारी नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर किया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि आम लोगों पर बालू परिवहन रोक का सख्ती से पालन कराया जाता है, लेकिन सरकारी निर्माण कार्यों में नियमों को दरकिनार किया जाना दोहरी नीति को दर्शाता है।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया और नाराजगी

जब इस मामले की जानकारी अंचल अधिकारी लवकेश सिंह को दी गई, तो उन्होंने सिर्फ यह कहा कि—

लवकेश सिंह ने कहा: “लिखित शिकायत दीजिए और ट्रैक्टर मालिक का नाम बताइए।”

उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर जांच करने की पहल नहीं की। इससे स्थानीय लोगों में नाराजगी और विश्वासघात की भावना पैदा हुई है।

वित्तीय और प्रशासनिक प्रभाव

बालू का खुलेआम उपयोग सरकारी राजस्व को प्रभावित कर रहा है और प्रशासनिक साख पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। संवेदक ने एनजीटी के निर्देशों की अनदेखी करते हुए निर्माण कार्य जारी रखा है, जो निश्चित रूप से जांच का विषय है।

स्थानीय नागरिकों ने लातेहार उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता और डीएमओ नदीम अंसारी से आग्रह किया है कि इस प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेकर जांच और आवश्यक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।

न्यूज़ देखो: एनजीटी रोक के बावजूद सरकारी निर्माण में बालू का अवैध उपयोग प्रशासन पर सवाल खड़े करता है

यह घटना दर्शाती है कि सरकारी निर्माण कार्यों में नियमों की अवहेलना करने वालों पर प्रशासन का रुख कमजोर हो सकता है। सरकारी संवेदक द्वारा निर्देशों की अनदेखी और प्रशासन की उदासीनता स्पष्ट है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसी अनियमितताएं और बढ़ सकती हैं।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूक रहें और सक्रिय बनें

स्थानीय नागरिकों और अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे नियमों के पालन में संकल्पित रहें। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या नियमों की अनदेखी को नजरअंदाज न करें। अपनी जानकारी और अनुभव साझा करें, कमेंट में विचार व्यक्त करें और इस खबर को साझा करके प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करें। सक्रिय नागरिक बनें और समाज में नियमों और कानून का सम्मान बढ़ाएं।

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