Garhwa

कॉफी विद एसडीएम में गौशाला संचालन कांजी हाउस और गव्य विकास पर विस्तृत चर्चा

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #कॉफीविदएसडीएम : एसडीएम संजय कुमार ने गोपालकों और समितियों से संवाद कर गोवंश संरक्षण को लेकर ठोस दिशा तय की
  • एसडीएम संजय कुमार ने “कॉफी विद एसडीएम” में गौशाला और गोवंश संरक्षण पर चर्चा की।
  • श्रीकृष्ण गौशाला के पंजीकरण और सरकारी अनुदान की प्रक्रिया पर विमर्श हुआ।
  • समिति ने 20 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग रखी।
  • शहरी क्षेत्रों में कांजी हाउस निर्माण और लावारिस गोवंश की टैगिंग पर जोर दिया गया।
  • अधिकारियों ने गोपालकों से लावारिस गायों को सड़कों पर न छोड़ने की अपील की।
  • बैठक में नगर परिषद और गौशाला समिति के बीच पुराने समझौते को लागू करने की बात उठी।

गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में गोपालकों, गौशाला समितियों और अधिकारियों के साथ गोवंश संरक्षण पर गहन चर्चा की। बैठक में पंजीकरण, अतिक्रमण, अनाथ गोवंश, कांजी हाउस निर्माण, वित्तीय संकट और गोकुल ग्राम योजना जैसे मुद्दों पर खुलकर विमर्श हुआ। एसडीएम ने भरोसा दिलाया कि प्रशासन गोवंश संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएगा और गढ़वा को आदर्श जिला बनाने की दिशा में कार्य करेगा।

श्रीकृष्ण गौशाला के पंजीकरण पर विमर्श

बैठक की शुरुआत श्रीकृष्ण गौशाला समिति के अध्यक्ष विनोद पाठक ने की। उन्होंने बताया कि गौशाला का इतिहास अविभाजित बिहार काल से जुड़ा है। कई बार समिति की संरचना और सदस्यों में बदलाव हुआ, जिसके चलते नया पंजीकरण जरूरी हो गया है। झारखंड सरकार के नियमों के तहत मान्यता मिलने पर गौशाला को सरकारी अनुदान का लाभ मिलेगा।

20 एकड़ भूमि और अतिक्रमण की समस्या

समिति के अध्यक्ष विनोद पाठक और कोषाध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने दावा किया कि गौशाला के नाम पर 20 एकड़ भूमि दर्ज है। इसमें 8.50 एकड़ सोनपुरवा और 11.50 एकड़ चेतना गांव में है। सोनपुरवा बस स्टैंड के आसपास की जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है। उन्होंने एसडीएम से अतिक्रमणकारियों को हटाने की मांग की और कहा कि संजय कुमार की पहल से पहले ही भूमि का सीमांकन हो चुका है।

कांजी हाउस और टैगिंग की पहल

एसडीएम ने जिला पशुपालन विभाग और नगर निकायों को निर्देश दिया कि शहरी क्षेत्र में पालतू और लावारिस गोवंश की टैगिंग की जाए, ताकि मालिक की पहचान हो सके। बैठक में यह भी सुझाव आया कि गढ़वा में पुनः कांजी हाउस (पशु शरण गृह) स्थापित किया जाए। पहले यहां कांजी हाउस था, जिससे लावारिस पशुओं की संख्या कम रहती थी।

एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “गोपालन और गौशालाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्रशासन की प्राथमिकता है। सभी सुझावों पर कार्रवाई की जाएगी।”

गोपालकों से सामाजिक अपील

अधिकारियों और प्रतिभागियों ने गोपालकों से अपील की कि दूध देना बंद कर चुकी गायों को सड़कों पर न छोड़ें। इसे समाज और धर्म दोनों के विरुद्ध माना गया। बैठक में इस विषय पर जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया।

पॉलीथीन पर रोक और पशुओं की सुरक्षा

प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि नगर स्तर पर अभियान चलाकर लोगों को पॉलीथीन में खाद्य पदार्थ फेंकने से रोका जाए। कई बार पशु इन्हें खा जाते हैं जिससे वे बीमार हो जाते हैं और उनकी मौत तक हो जाती है।

पशु तस्करी पर निगरानी

बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि रात में अवैध रूप से ट्रकों से होने वाली गोवंशीय पशुओं की तस्करी पर लोग चौकस रहेंगे और इसकी सूचना पुलिस या एसडीएम को देंगे।

नगर परिषद और समिति के समझौते पर अमल

गौशाला समिति के सचिव ने कहा कि नगर परिषद और समिति के बीच पहले एक समझौता हुआ था, जिसके तहत परिषद से तय राशि नियमित रूप से गौशाला को दी जानी थी। लेकिन यह समझौता अब तक लागू नहीं हुआ। यदि इसे लागू किया जाए तो समिति को वित्तीय संकट से राहत मिलेगी।

गोकुल ग्राम योजना पर सवाल

बैठक में नवलेश धर दुबे ने बताया कि वर्ष 2005 में अचला नवाडीह में गोकुल ग्राम योजना के लिए ढाई एकड़ भूमि आवंटित हुई थी, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। इस पर एसडीएम ने शीघ्र ही निरीक्षण करने की बात कही।

बैठक में प्रमुख सहभागिता

इस बैठक में विनोद पाठक, घनश्याम प्रसाद, रमेश कुमार दीपक, लकी मधेशिया, राजन ठाकुर, नैतिक कश्यप, नवलेश धर दुबे, प्रवीण जायसवाल, अनिल सोनी, मनोज पटनायक, अजय कुमार तिवारी, कन्हैया प्रसाद सिंह, मृत्युंजय कुमार शौण्डिक, मंतोष दास, धनंजय चौधरी, अरविंद चौधरी, प्रमोद कुमार तिवारी, आनंद कुमार, राम कुमार यादव, चंद्रेश कुमार, शंकर माली, सुधाकर द्विवेदी, शुभम चौबे, अभिषेक झा, शुभम केसरी, करण चंद्रवंशी, श्रीराम कुमार सहित कई लोग उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: गोवंश संरक्षण में गढ़वा की नई दिशा

इस बैठक ने साफ कर दिया कि प्रशासन और समाज मिलकर गढ़वा को गोवंश संरक्षण का आदर्श जिला बना सकते हैं। जहां एक ओर पंजीकरण और अनुदान जैसी प्रक्रियाओं को गति देने का वादा हुआ, वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण, तस्करी और लावारिस पशुओं की समस्या के समाधान की ठोस दिशा भी तय हुई। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संवेदनशीलता से ही होगा बदलाव

अब जरूरत है कि हर नागरिक गोवंश संरक्षण में अपनी जिम्मेदारी निभाए। गायों को सड़क पर न छोड़ना और पॉलीथीन का सही निपटान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों तक शेयर करें ताकि जागरूकता हर गली तक पहुंचे।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20250723-WA0070
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250610-WA0011
20250923_002035
Engineer & Doctor Academy
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: