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नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों की हिरासत, लोकतंत्र में आवाज दबाने का आरोप

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#मेदिनीनगर #छात्र_हिरासत : कुलपति के विरोध में वाईजेकेएसएफ के दो छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया, छात्रों ने अपनी बात रखने का अधिकार मांगा
  • वाईजेकेएसएफ के छात्र नेता श्रवण सिंह और विकास यादव को हिरासत में लिया गया।
  • छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति के भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी का विरोध किया।
  • पुलिस कार्रवाई के दौरान छात्रों को अपनी बात रखने का अधिकार नहीं दिया गया
  • वाईजेकेएसएफ ने कहा कि संगठन छात्रों की समस्याओं को उठाना जारी रखेगा।
  • छात्रों ने कानून का सम्मान करने की बात कही और विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई को तानाशाहीपूर्ण बताया।

मेदिनीनगर में नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान वाईजेकेएसएफ के दो छात्र नेताओं श्रवण सिंह और विकास यादव को पुलिस ने हिरासत में लिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ इसीलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति के भ्रष्टाचार और छात्र हितों की अनदेखी का विरोध किया। छात्रों ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी समारोह या राज्यपाल का विरोध नहीं करना था, बल्कि विद्यार्थियों की समस्याओं को मुख्यधारा में लाना था।

हिरासत और छात्रों की प्रतिक्रिया

छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की यह कार्रवाई तानाशाहीपूर्ण है और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। श्रवण सिंह ने कहा:

“हम और हमारा संगठन हमेशा से विद्यार्थियों के हित में कार्य करता रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम डर और दबाव दिखाने के लिए है। हमारा उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”

विकास यादव ने भी कहा:

“विश्वविद्यालय संवाद और विचारों की स्वतंत्रता का केंद्र होना चाहिए। यदि छात्र शांति पूर्वक अपनी बात रखते हैं, तो यह लोकतंत्र की ताकत है, अपराध नहीं। हमें हिरासत में लिया गया, लेकिन हमने हमेशा कानून का सम्मान किया है और आगे भी करेंगे।”

वाईजेकेएसएफ की मांग और भविष्य की योजना

वाईजेकेएसएफ ने विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से सवाल उठाया कि क्या छात्रों को अपने सवाल और शिकायतें उठाने का अधिकार नहीं है। संगठन ने स्पष्ट किया कि हिरासत जैसी कार्रवाई से छात्र नेतृत्व और संगठन अपने लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा। संगठन ने यह भी कहा कि छात्र हितों के लिए आवाज उठाना जारी रहेगा और विश्वविद्यालय में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना उनका मुख्य लक्ष्य है।

न्यूज़ देखो: छात्र हिरासत विवाद में लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना स्पष्ट करती है कि छात्र और युवा नेताओं के लिए आवाज उठाना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है। विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता और संवाद का माहौल बनाना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि यह छात्र समुदाय की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्य के लिए भी आवश्यक है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

छात्र अधिकारों और पारदर्शिता के लिए जागरूकता

छात्र और युवा नेताओं को हमेशा अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहना चाहिए। विश्वविद्यालय और प्रशासन को भी छात्रों की आवाज को सम्मान देना चाहिए। अपनी राय कमेंट में साझा करें, इस खबर को दूसरों तक पहुँचाएं और शिक्षा और लोकतंत्र के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाएं।

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