गढ़वा में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का हुआ सफल समापन, 90 गांवों में पहुंची वैज्ञानिक टीम

#गढ़वा #कृषिविकासअभियान — वैज्ञानिक प्रशिक्षण, योजनाओं की जानकारी और किसानों की भागीदारी ने बढ़ाई जागरूकता

90 गांवों तक पहुंचा कृषि नवाचार का संदेश

कृषि विज्ञान केंद्र, गढ़वा द्वारा आयोजित “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का 15वां और अंतिम दिन गढ़वा जिले के लक्षित 90 गांवों में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

इस अभियान को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के निर्देश और झारखंड सरकार के आत्मा एवं कृषि विभाग के सहयोग से संचालित किया गया। इसने ग्रामीण क्षेत्रों में वैज्ञानिक खेती और तकनीकी जागरूकता के नए आयाम स्थापित किए।

विशेषज्ञों और किसानों की संयुक्त भागीदारी

इस अभियान में दो टीमों द्वारा कार्य किया गया।
टीम-1 में शामिल थे:
डॉ. सुषमा ललिता बखला (वैज्ञानिक, पशुपालन), सुश्री अभिलाषा दीपा मिंज, श्री चंदन कुमार, श्री नवलेश कुमार
टीम-2 में शामिल थे:
श्री विंध्याचल राम, श्री राकेश रोशन, डॉ. रोहित कुमार सिंह, श्री बृजभूषण पांडे और प्रगतिशील किसान श्री बृजकिशोर महतो

इन्हीं की सक्रिय सहभागिता से कार्यक्रम को गाँव-गाँव पहुंचाया गया।

विषयगत प्रशिक्षण से जागरूक हुए ग्रामीण किसान

अभियान के दौरान पौध नर्सरी प्रबंधन, बीज उत्पादन, प्राकृतिक खेती, सब्जी उत्पादन, धान की सीधी बुआई, और मिट्टी नमूना लेने की विधि पर किसानों को प्रशिक्षित किया गया।

चिनिया प्रखंड के सिगसीगा कला गांव में हुए उद्घाटन कार्यक्रम में श्री प्रमोद कुमार चौबे ने वैज्ञानिकों की पहल को सराहते हुए कहा कि:

प्रमोद कुमार चौबे: “किसान यदि वैज्ञानिकों की बताई तकनीक अपनाएं तो उत्पादन और आय में बड़ा बदलाव आ सकता है।”

योजनाओं की जानकारी और सीधा संवाद

कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा परियोजना निदेशक श्री शिव शंकर प्रसाद तथा उद्यान पदाधिकारी ने पीएम किसान योजना, कृषि बीमा, के.सी.सी. समेत कई सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की।

प्रश्नोत्तर सत्र में किसानों ने अपनी जिज्ञासाओं को खुलकर साझा किया और उन्हें वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर दिए।

अभियान के सफल संचालन में रहा इनका अहम योगदान

पूरा कार्यक्रम वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केंद्र के प्रधान डॉ. राजीव कुमार के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में सियाराम पांडे, सुनील कुमार, राकेश रंजन चौबे, कृष्णा कुमार चौबे जैसे कर्मठ सहयोगियों का योगदान सराहनीय रहा।

न्यूज़ देखो: खेत-खलिहान से जुड़ी तकनीक की अलख

“विकसित कृषि संकल्प अभियान” ने यह साबित किया है कि जब वैज्ञानिक सोच, सरकारी सहयोग और किसान की जिज्ञासा एक मंच पर मिलती है, तो परिणाम अनोखे होते हैं।
गढ़वा जैसे ग्रामीण जिलों में इस तरह के प्रयास खेती को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
न्यूज़ देखो ऐसी पहलों को हमेशा प्राथमिकता देता है जो ग्रामीण बदलाव की असली तस्वीर पेश करती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

वैज्ञानिक खेती से ही आएगा हर किसान के जीवन में हरियाली

ऐसे अभियानों से साफ है कि ग्रामीण भारत अब पारंपरिक खेती से आधुनिक विज्ञान आधारित खेती की ओर बढ़ रहा है।
किसान जागरूक बनें, तकनीकों को अपनाएं और योजनाओं का लाभ उठाएं — यही समय की मांग है।
आप भी इस खबर पर अपनी राय कमेंट करें, लेख को रेट करें और किसानों व खेती से जुड़े लोगों के साथ साझा करें।

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