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विकसित कृषि संकल्प अभियान: गढ़वा के 72 गांवों तक पहुंची वैज्ञानिकों की टीम, किसानों को दी उन्नत तकनीकों की जानकारी

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#गढ़वा #विकसितकृषि : खेती-किसानी की उन्नत तकनीक, सरकारी योजनाओं और सवाल-जवाब के साथ पहुंचा कृषि विज्ञान केंद्र का कारवां
  • गढ़वा जिले के 90 में से 72 गांवों में अब तक चला अभियान
  • धुरकी प्रखंड के तीन गांवों में आयोजित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • खरीफ फसलों, मिट्टी जांच, कीट प्रबंधन पर दी गई जानकारी
  • वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों की संयुक्त टीम रही शामिल
  • प्रश्नोत्तरी में किसानों की जिज्ञासाओं का मिला समाधान

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती को मजबूत करने की पहल

कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार तथा कृषि विभाग एवं आत्मा गढ़वा के सहयोग से संचालित विकसित कृषि संकल्प अभियान के 12वें दिन गढ़वा जिले के 90 लक्षित गांवों में से 72 गांवों में कार्यक्रम संचालित हो चुका है। यह अभियान खेती-किसानी को वैज्ञानिक तरीकों से समृद्ध करने की दिशा में एक अहम प्रयास है।

धुरकी प्रखंड में चला जागरूकता अभियान

आज अभियान के तहत धुरकी प्रखंड के टाटिदीरी, मारचैया एवं पनघाटवा गांवों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। टीम-1 का नेतृत्व डॉ. सुषमा ललिता बाक्ला (वैज्ञानिक, पशुपालन) ने किया, जिनके साथ वैज्ञानिक डॉ. अभिलाषा मिन्ज, श्री नवलेश कुमार, श्री चंदन कुमार और प्रखंड के बीटीएम धनंजय कुमार सिंह मौजूद रहे। दूसरी ओर टीम-2 का नेतृत्व श्री विंध्याचल राम ने किया जिसमें वैज्ञानिक डॉ. रोहित कुमार सिंह (उद्यान), श्री अमित बैठा, श्री राकेश रोशन, बृजभूषण पांडे, बीटीएम त्रिभुवन सिंह और प्रखंड कृषि पदाधिकारी संजय कुमार गुप्ता शामिल हुए।

उन्नत कृषि तकनीकों पर केंद्रित रहा प्रशिक्षण

कार्यक्रम के दौरान किसानों को मिट्टी परीक्षण, खरीफ फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक, सब्जी उत्पादन, कीट और रोग प्रबंधन सहित सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। सभी गांवों में प्रश्नोत्तरी सत्र के माध्यम से किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

डॉ. सुषमा ललिता बाक्ला ने कहा: “हमारा उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि किसानों की सोच को वैज्ञानिक बनाना है जिससे खेती लाभदायक बने।”

कार्यक्रम की सफलता में टीमवर्क का योगदान

इस अभियान की सफलता में कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा के कर्मियों की सक्रिय भूमिका रही। कार्यक्रम की रिपोर्टिंग और समन्वय में श्री राकेश रंजन चौबे, श्री कृष्ण कुमार चौबे, श्री सियाराम पांडे एवं श्री सुनील कुमार का योगदान उल्लेखनीय रहा। कृषि विज्ञान केंद्र ने स्थानीय किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम और जागरूक बनाने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया है।

न्यूज़ देखो: खेतों तक पहुंची वैज्ञानिक चेतना

“विकसित कृषि संकल्प अभियान” केवल एक प्रशिक्षण अभियान नहीं, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले किसानों को सशक्त करने की मुहिम है। कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा की यह पहल दर्शाती है कि अगर सही जानकारी और तकनीक किसानों तक पहुंचाई जाए, तो वे आत्मनिर्भरता और आधुनिकता की राह पकड़ सकते हैं। यह प्रयास खेती को घाटे के सौदे से लाभ की दिशा में ले जाने वाला साबित होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जानकार किसान, सशक्त समाज

खेती केवल उत्पादन नहीं, जीवन और अर्थव्यवस्था का आधार है। जब किसान वैज्ञानिक सोच और सरकारी योजनाओं से जुड़ता है, तो न केवल उसकी आमदनी बढ़ती है, बल्कि पूरे समाज की दिशा बदलती है। ऐसे अभियानों से प्रेरणा लें, अपने क्षेत्र के किसानों को भी जागरूक करें।
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