#लातेहार #सड़कविरोध : नगर पंचायत की अनदेखी से नाराज़ ग्रामीणों ने सड़क पर काटा केक — कीचड़ और गड्ढों से भरे रास्ते का ‘जन्मदिन’ मनाकर जताया आक्रोश
- लातेहार के करकट वार्ड-1 में कीचड़ से भरी सड़क पर ग्रामीणों ने अनोखे ढंग से विरोध दर्ज किया
- सड़क पर ही केक काटकर नगर पंचायत की ‘नाकामी’ का प्रतीकात्मक जन्मदिन मनाया गया
- पिछले एक साल से सड़क की मरम्मत नहीं, मिट्टी डालने के बाद और बिगड़ी स्थिति
- बच्चे, महिलाएं और बाइक सवार रोज गिर रहे, कई घायल भी हो चुके हैं
- नगर प्रशासक ने मरम्मत का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीणों ने कहा– अब सिर्फ परिणाम चाहिए
विकास के खोखले वादों के बीच दलदल में धंसी उम्मीदें
लातेहार नगर पंचायत क्षेत्र के करकट वार्ड संख्या 1 में रहने वाले ग्रामीणों का गुस्सा आखिरकार सड़क पर फूट पड़ा। पिछले एक वर्ष से श्रम विभाग जाने वाली मुख्य सड़क की बदहाली को लेकर बार-बार शिकायत के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने सड़क पर ही केक काटकर प्रशासन की नाकामी का प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया।
यह विरोध केवल ‘नजारा’ नहीं था, बल्कि एक गंभीर समस्या पर सशक्त संदेश था। सड़क की हालत इतनी खराब है कि बरसात में यह दलदल और गड्ढों से भरी जानलेवा राह बन जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि जब भी बच्चे आंगनवाड़ी या स्कूल जाते हैं, वे फिसलकर गिर जाते हैं, कपड़े खराब हो जाते हैं और कई बार चोटिल भी हो जाते हैं।
बारिश में मिट्टी बनी जख्म, मिट्टी डालने से और बिगड़ी हालत
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ समय पहले नगर पंचायत की ओर से सड़क पर मिट्टी डाली गई थी, लेकिन वह भी बारिश में बहकर कीचड़ बन गई। परिणामस्वरूप पूरी सड़क अब दलदल का रूप ले चुकी है।
स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने कहा: “हमारे बच्चे रोज गिरते हैं, कपड़े खराब होते हैं, कभी-कभी चोट भी लगती है। यह सड़क अब खतरा बन चुकी है।”
अनसुनी शिकायतें और खोखले वादे
स्थानीय युवक शम्स राजा और ताबिश अंसारी ने बताया कि पिछले साल भी अधिकारियों ने निरीक्षण कर जल्द मरम्मत का वादा किया था, लेकिन न टेंडर निकला, न काम शुरू हुआ। वार्ड के लोग कई बार नगर पंचायत कार्यालय जाकर आवेदन दे चुके हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला।
छात्र ताबिश अंसारी ने कहा: “रोज स्कूल जाते समय जूते कीचड़ में फंस जाते हैं, गिर जाते हैं, ड्रेस खराब हो जाती है। पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।”
दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुकी है यह सड़क
सड़क की हालत से केवल बच्चों को नहीं, बल्कि बाइक सवारों को भी गंभीर खतरा है। मोहम्मद शमीर ने बताया कि वे पिछले हफ्ते बाइक से गिरकर घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल जाना पड़ा।
शमीर ने कहा: “यह अब सड़क नहीं, दुर्घटनाओं का केंद्र बन गया है।”
केक काटकर किया गया प्रतीकात्मक विरोध, सोशल मीडिया पर वायरल
रविवार को जब ग्रामीणों ने सड़क पर ही केक काटकर नगर पंचायत की उदासीनता पर तंज कसा, तो यह विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने इसे ‘विकास के खोखले वादों का जश्न’ बताया।
ग्रामीणों ने एक सुर में नारे लगाए — “हमें पक्की सड़क चाहिए, कीचड़ नहीं”, “हमें अधिकार चाहिए”, “हमारी सड़क चाहिए”।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और ग्रामीणों की चेतावनी
नगर प्रशासक राजीव रंजन ने बताया कि “पानी कम होने दीजिए, मरम्मत कार्य जल्द शुरू होगा।” लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह जवाब उन्हें पिछले साल भी मिला था। अगर अब भी सुनवाई नहीं हुई तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों की मुख्य मांगें
- सड़क का तत्काल पक्कीकरण
- जल निकासी की समुचित व्यवस्था
- बच्चों की सुरक्षा के लिए फिसलन रोकने के उपाय
- जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई
- स्थायी समाधान के लिए वार्ड प्रतिनिधियों की जवाबदेही तय की जाए

न्यूज़ देखो: टूटी सड़क, टूटा भरोसा — जनता की आवाज बनी चुनौती
न्यूज़ देखो मानता है कि करकट वार्ड के लोगों ने एक बेहद रचनात्मक और मजबूत विरोध प्रदर्शन किया है, जो सिर्फ एक खराब सड़क नहीं बल्कि शासन-प्रशासन की असंवेदनशीलता की पोल खोलता है। यह विरोध एक ऐसे सिस्टम को आईना दिखाता है, जो वादे तो करता है, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं दिखता।
अगर अब भी प्रशासन जागा नहीं, तो यह आंदोलन सिर्फ करकट वार्ड की लड़ाई नहीं रहेगा, बल्कि पूरे जिले की गूंज बन जाएगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक बनें, अपनी आवाज बुलंद करें
समस्या चाहे सड़क की हो या स्वास्थ्य की — समाधान तभी संभव है जब हम संगठित होकर सवाल करें। करकट के ग्रामीणों की तरह आप भी अपनी बात कहें, इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, कॉमेंट करें, और अपने जनप्रतिनिधियों तक अपनी मांगें स्पष्ट करें।