रांची: झारखंड पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में नक्सल विरोधी अभियान और न्यायालयों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य के सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उप-महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों ने हिस्सा लिया। समीक्षा में उग्रवाद के पूर्ण उन्मूलन और न्यायालयों की सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए।
नक्सल गतिविधियों की रोकथाम के सख्त निर्देश
- आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं पर सख्ती: हाल में रांची, लातेहार, हजारीबाग, खूंटी और चतरा जिलों में हुई आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने के लिए डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को पूर्व घटनाओं की समीक्षा और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए।
- एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता: माओवादी और अन्य अपराधियों की धमकी की शिकायत मिलने पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया।
- अनुसंधान की जिम्मेदारी: सभी मामलों का अनुसंधान थाना प्रभारी या निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को सौंपने की सख्त हिदायत दी गई।
फरार अपराधियों पर कार्रवाई
- कुर्की-जप्ती: माओवादी और अपराधियों की संपत्तियों की कुर्की-जप्ती की प्रक्रिया को तेज करने और लंबित मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया।
- अपराध से अर्जित संपत्तियों का दस्तावेजीकरण: अपराधियों की अवैध संपत्तियों की पहचान और दस्तावेजीकरण करने के निर्देश दिए गए।
“Know Your Enemy” योजना लागू
- उग्रवादी सदस्यों का प्रोफाइल: नक्सल और स्प्लिंटर समूहों के सभी सदस्यों की जानकारी फील्ड अधिकारियों को देने के लिए “Know Your Enemy” अभियान चलाने का आदेश दिया गया।
- क्षेत्रीय निरीक्षण: डीजीपी ने निर्देश दिया कि फील्ड में तैनात अधिकारियों को अपने क्षेत्र के उग्रवादियों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
न्यायालय और न्यायाधीशों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
- सुरक्षा की समीक्षा: उच्च न्यायालय और अन्य न्यायालय परिसरों के साथ न्यायाधीशों के आवासीय परिसरों की सुरक्षा की विस्तार से समीक्षा की गई।
- नियमित निरीक्षण: क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों और उप-महानिरीक्षकों को न्यायालय परिसरों की सुरक्षा का नियमित निरीक्षण करने का आदेश दिया गया।
बैठक में प्रमुख अधिकारी मौजूद
बैठक में डीजीपी डॉ. अजय कुमार सिंह, एडीजी अभियान डॉ. संजय लाठकर, आईजी रांची अखिलेश झा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने हिस्सा लिया।
यह बैठक नक्सल विरोधी अभियानों को मजबूती देने और राज्य में कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।