
#धनबाद : जमुनिया नदी पर बना 6 करोड़ का पुल उद्घाटन से पहले ही ढहा — पहली बारिश में ढहने से निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल
- धनबाद-बोकारो को जोड़ने वाला पुल उद्घाटन से पहले ही टूट गया
- पहली बारिश में पुल का एक हिस्सा और एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त
- प्रीति इंटरप्राइजेज को सौंपा गया था निर्माण कार्य
- 6 करोड़ की लागत में डेढ़ करोड़ का भुगतान अब भी लंबित
- स्थानीय लोगों ने निर्माण में भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप
उद्घाटन से पहले टूटा पुल, लोगों में आक्रोश
धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड के माटीगढ़ डेम कॉलोनी के पास जमुनिया नदी पर बना 6 करोड़ रुपये की लागत का नया पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। धनबाद और बोकारो जिलों को जोड़ने के उद्देश्य से बनाए गए इस पुल को मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल धनबाद द्वारा निर्मित कराया गया था।
पहली बारिश में बह गया भरोसा
मानसून की पहली ही बारिश ने पुल की गुणवत्ता की पोल खोल दी। पुल का एक हिस्सा पूरी तरह से टूट गया, जबकि एप्रोच रोड में गहरे दरारें आ गईं। इससे न केवल प्रशासन पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि आम जनता में भी भारी नाराजगी है।
स्थानीय निवासी विजय चौहान ने कहा:
“पुल की हालत यह दर्शाती है कि निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। जब उद्घाटन से पहले ही पुल टूट जाए तो यह प्रशासन और निर्माण एजेंसी की लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है।”
निर्माण में अनियमितताओं के आरोप
इस परियोजना का शिलान्यास 10 अगस्त 2022 को तत्कालीन विधायक और वर्तमान सांसद ढुलू महतो ने किया था। निर्माण कार्य प्रीति इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को सौंपा गया था।
मौके पर पहुंचे ग्रामीण विकास प्रमंडल धनबाद के कार्यपालक अभियंता नरेंद्र कुमार ने बताया कि परियोजना का कुल बजट 6 करोड़ रुपये है, जिसमें से अभी डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान शेष है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ कार्य अधूरे थे और संबंधित संवेदक को तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं।
जनता में गुस्सा, जांच की उठी मांग
पुल के उद्घाटन से पहले ही टूट जाने से स्थानीय लोग प्रशासन और निर्माण एजेंसी की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि घटिया सामग्री और लापरवाह निगरानी की वजह से यह दुर्घटना हुई है। फिलहाल प्रशासन ने जांच के संकेत दिए हैं, लेकिन जनता ठोस कार्रवाई की मांग कर रही है।
न्यूज़ देखो: जब पुल से पहले गिरा भरोसा
यह घटना केवल एक पुल के टूटने की नहीं, जनविश्वास के ढहने की कहानी है। करोड़ों रुपये की योजना, वह भी जनता के टैक्स के पैसों से — और नतीजा यह कि उद्घाटन से पहले ही ढह जाए!
न्यूज़ देखो प्रशासन से अपेक्षा करता है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियां ना दोहराई जाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भ्रष्टाचार पर लगाम जरूरी, वरना ढहते रहेंगे सपने
यह घटना बताती है कि सिर्फ निर्माण नहीं, उसकी निगरानी और पारदर्शिता भी जरूरी है। अगर समय रहते जवाबदेही तय न की गई, तो ऐसे पुल केवल मिट्टी के नहीं, भरोसे के भी ढांचे गिराते रहेंगे।
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