#राजधनवार #भाकपामाले #विरोध_मार्च – पूर्व विधायक की अगुवाई में भड़का जनाक्रोश, सड़कों पर गूंजे पुलिस विरोधी नारे
- कारुडीह के उदय यादव हत्याकांड को लेकर भाकपा माले ने किया धनवार बाजार में बड़ा विरोध प्रदर्शन
- पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने अपराध पर चुप विधायक-सांसद को बताया जिम्मेदार
- मार्च के दौरान पुलिस प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया
- हत्या, लूट और बलात्कार जैसे मामलों में लगातार वृद्धि पर जताई गंभीर चिंता
- हजारों लोगों ने पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी, गिरफ्तारियों की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज
- जिला प्रशासन की निष्क्रियता पर विपक्ष ने बोला तीखा हमला
जनता के गुस्से की सड़कों पर गूंज, धनवार बना विरोध का केंद्र
गिरिडीह जिला के राजधनवार प्रखंड अंतर्गत कारुडीह में हुए उदय यादव की हत्या ने क्षेत्र की राजनीति और जनमानस को झकझोर दिया है। इसी घटना के खिलाफ शनिवार को भाकपा माले ने सर्कस मैदान से धनवार बाजार तक चेतावनी मार्च निकाला, जिसमें हजारों की भीड़ ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
इस चेतावनी मार्च में धनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव समेत कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। मार्च के दौरान लोगों ने हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी, अपराध पर रोक और जिम्मेदार पदाधिकारियों की जवाबदेही की मांग की।
अपराध बढ़ने पर बोले राजकुमार यादव, जनप्रतिनिधियों पर साधा निशाना
मार्च को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा:
“गिरिडीह जिला में हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन विधायक और सांसद इन गंभीर विषयों पर मौन हैं।” — राजकुमार यादव
उन्होंने यह भी बताया कि खंडोली जंगल में विशाल कुमार, ऋषि कुमार और सहदेव सिंह की हत्या जैसे मामले अब तक अनसुलझे हैं। धनवार की चाची-भतीजी हत्याकांड भी प्रशासन की नाकामी की मिसाल है।
उन्होंने प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उदय यादव की हत्या के मामले में भी अब तक एक भी नामजद अभियुक्त गिरफ्तार नहीं किया गया है, जो बेहद शर्मनाक है।
पुलिस को 10 दिन का समय, नहीं तो आंदोलन
भाकपा माले ने स्पष्ट रूप से चेताया कि यदि 10 दिनों के अंदर उदय यादव हत्याकांड के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो जिला स्तर पर उग्र आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। भाकपा माले ने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।
विरोध मार्च में सुनील पासवान, अनिल महतो, रीना देवी, प्रमोद यादव समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।
अपराध और प्रशासनिक चुप्पी पर उठा सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि धनवार प्रखंड अपराधियों के लिए सुरक्षित अड्डा बनता जा रहा है और प्रशासन केवल कागजी कार्रवाई में व्यस्त है। जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता और पुलिस की उदासीनता ने जनता में भारी आक्रोश भर दिया है।
प्रदर्शन के दौरान कई व्यापारियों ने भी दुकानें बंद कर विरोध जताया और कहा कि जब तक सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक चैन नहीं मिलेगा।

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