#गढ़वा #धरतीआबाअभियान – भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
- गढ़वा के रमकंडा प्रखंड से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत
- 15 प्रखंडों के 113 गांवों के 96,724 जनजातीय व्यक्ति इस अभियान के तहत आएंगे
- आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पीएम आवास जैसी 25 से अधिक योजनाएं होंगी लागू
- जन संवाद के दौरान ग्रामीणों ने पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य, भूमि अतिक्रमण जैसे मुद्दे उठाए
- उपायुक्त ने समस्याओं के त्वरित समाधान का दिया भरोसा, संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश
चेटे पंचायत से अभियान का शुभारंभ, उपायुक्त ने किया संवाद
गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड अंतर्गत चेटे पंचायत से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA) की शुरुआत हुई।
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जनता को 25 से अधिक जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई।
यह अभियान 30 जून 2025 तक जिले के सभी जनजातीय बहुल पंचायतों में चलाया जाएगा।
कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियों जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, अनुमंडल पदाधिकारी रंका रुद्र प्रताप, कल्याण पदाधिकारी धीरज प्रकाश समेत अन्य अधिकारियों के स्वागत से हुई।
“जनजातीय सशक्तिकरण के लिए यह ऐतिहासिक पहल” – उपायुक्त
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने कहा,
“यह जिला स्तरीय अभियान है। इसमें सिर्फ लाभ नहीं, बल्कि सहभागिता, समावेशन और न्याय की भावना है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अब सीधे हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे – यही लक्ष्य है।”
– दिनेश कुमार यादव, उपायुक्त गढ़वा
उन्होंने जनजातीय समुदाय से अपील की कि वे इस अभियान के तहत राशन कार्ड, आधार, पीएम मातृत्व योजना, आयुष्मान भारत, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का लाभ ज़रूर लें।
जन संवाद में उठे जमीनी मुद्दे
जनसंवाद के दौरान ग्रामीणों ने राशन कार्ड की अनुपलब्धता, भूमि अतिक्रमण, विद्युतीकरण, और पेयजल संकट जैसे मुद्दे उपायुक्त के समक्ष रखे।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि बिना राशन कार्ड के उन्हें कई स्थानों पर समस्या होती है।
उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि
“जनजातीय भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने पाए।”
96,724 जनजातीय नागरिकों को मिलेगा लाभ
गढ़वा के 15 प्रखंडों के 113 गांवों के 18,522 परिवारों के 96,724 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति इस अभियान में लक्षित हैं।
उन गांवों को प्राथमिकता दी गई है जहां जनसंख्या का 50% से अधिक हिस्सा जनजातीय समुदाय का है।
अभियान वर्ष 2028–29 तक 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं को सैचुरेशन मोड में लागू करेगा, जिसमें शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना, स्किल डेवलपमेंट, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, वन अधिकार पट्टा, आंगनबाड़ी निर्माण, समग्र शिक्षा अभियान, कृषि/पशुपालन योजनाएं इत्यादि।
जनप्रतिनिधियों ने रखी ज़मीनी मांगें
जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव ने रमकंडा प्रखंड की समस्याएं साझा कीं। उन्होंने बताया:
- कई पंचायतों में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है
- चिकित्सकों की अनुपस्थिति और अधूरे सड़क निर्माण ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ा रहे हैं
- कृषि कार्य के लिए सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने से पलायन की स्थिति उत्पन्न हो रही है
विभागों ने साझा की योजनाएं
जिला कृषि पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद ने कृषि योजनाओं की जानकारी दी।
JSPLS द्वारा महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी देते हुए ग्रामीण महिलाओं से इनसे जुड़ने की अपील की गई।
गर्भवती और धात्री महिलाओं को गोद भराई एवं अन्नप्राशन की रस्म भी पूरी की गई।
उपायुक्त द्वारा विभिन्न विभागों के स्टॉल का निरीक्षण कर योजनाओं की कार्यान्वयन स्थिति की समीक्षा की गई।
महिला स्वयं सहायता समूहों को संकेतात्मक चेक द्वारा लोन प्रदान किया गया।
न्यूज़ देखो : जहां ज़मीनी सच्चाई हो प्राथमिकता
न्यूज़ देखो आपके सामने लाता है वे खबरें जो नीतियों और आम जनता के बीच की दूरी को पाटती हैं।
गढ़वा के रमकंडा से शुरू हुआ यह अभियान झारखंड में जनजातीय सशक्तिकरण की नई इबारत लिखेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब वक़्त है योजनाओं से जीवन बदलने का
यह अभियान सिर्फ लाभ का नहीं, बल्कि अधिकारों की पुनः प्राप्ति और सशक्त भागीदारी का प्रतीक है।
आइए, मिलकर इस पहल को सफल बनाएं और अपने गांव, समाज और राज्य को आगे बढ़ाएं।