
मेदिनीनगर #कल्याणविभागबैठक : निर्माण योजनाओं की धीमी गति पर उपायुक्त सख्त — सभी प्रखंड कल्याण पदाधिकारियों को समय-सीमा में कार्रवाई के निर्देश
- उपायुक्त समीरा एस की अध्यक्षता में कल्याण विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई।
- धुमकुड़िया भवन निर्माण कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
- मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना, छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण, रोजगार सृजन योजना की प्रगति पर समीक्षा की गई।
- विद्यालयों की जर्जर स्थिति, शौचालय, पेयजल, बिजली की स्थिति सुधारने का निर्देश।
- आवेदन निष्पादन में लापरवाही न हो, इस पर विशेष बल दिया गया।
बैठक का उद्देश्य: योजनाओं की रफ्तार और गुणवत्ता की समीक्षा
गुरुवार को मेदिनीनगर समाहरणालय में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस ने कल्याण विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की। बैठक में बिरसा आवास योजना, प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, कब्रिस्तान और सरना घेराबंदी, आदर्श ग्राम विकास, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना जैसी कई योजनाओं की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई।
धुमकुड़िया भवन निर्माण पर विशेष निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने धुमकुड़िया भवन निर्माण कार्यों की धीमी गति पर चिंता जाहिर करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि इन कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व रखने वाले इन भवनों का निर्माण जन भावना से जुड़ा हुआ है, इसलिए गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए।
उपायुक्त समीरा एस ने कहा: “धुमकुड़िया भवनों के निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्य समुदाय की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा है।”
स्वास्थ्य योजना और छात्रवृत्ति पर प्राथमिकता
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत लंबित आवेदनों के शीघ्र निष्पादन का निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि प्राप्त फंड का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने छात्रवृत्ति वितरण, साइकिल वितरण जैसे कार्यक्रमों को भी सही समय पर संपन्न कराने को कहा ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।
कल्याण विभाग के विद्यालयों की दशा सुधारने का निर्देश
बैठक में यह भी सामने आया कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित कई विद्यालयों की स्थिति दयनीय है। उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जहां भवन जर्जर हैं, वहां मरम्मत कार्य, शौचालय निर्माण, पेयजल और बिजली की व्यवस्था को शीघ्रता से दुरुस्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आवासीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को मिलने वाली बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध होनी चाहिए।
जिला कल्याण पदाधिकारी प्यारेलाल ने कहा: “हमारे विभाग की प्राथमिकता योजनाओं को धरातल पर उतारने की है। सभी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।”
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उपायुक्त का विशेष ध्यान
उपायुक्त ने बैठक में यह भी कहा कि निर्माण कार्य अगर निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं किए जाते हैं, तो उत्तरदायी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने सभी विभागों से यह अपेक्षा की कि वे निर्माणाधीन कार्यों की नियमित निगरानी करें और किसी भी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें।
न्यूज़ देखो: विकास योजनाओं पर प्रशासन की कड़ी नजर
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