
#गढ़वा #कॉफीविदएसडीएम : जलसुरक्षा और बचाव कार्यों में गोताखोरों की भूमिका पर होगी सीधी चर्चा
- स्थानीय गोताखोरों को बुधवार को एसडीएम कार्यालय में आमंत्रित किया गया।
- आपदा प्रबंधन टीम में जोड़ने पर होगी सीधी बातचीत।
- बचाव कार्यों में आने वाली चुनौतियां और उपकरण की कमी पर चर्चा।
- प्रशिक्षण और मानदेय जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श।
- मत्स्य, जल संसाधन और पर्यटन विभाग को भी शामिल होने का आग्रह।
गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने इस सप्ताह के “कॉफी विद एसडीएम” संवाद कार्यक्रम में एक अनोखी पहल करते हुए क्षेत्र के सभी स्थानीय गोताखोरों को आमंत्रित किया है। इस विशेष बैठक का आयोजन बुधवार, 13 अगस्त को सुबह 11 बजे अनुमंडल कार्यालय में किया जाएगा। उद्देश्य है—स्थानीय जल स्रोतों से जुड़ी जन सुरक्षा और बचाव कार्यों को बेहतर बनाना।
आपदा प्रबंधन को मिलेगा स्थानीय अनुभव का सहारा
एसडीएम ने कहा कि गढ़वा में नदियों, डैम, तालाबों और बरसाती जल स्रोतों में डूबने की घटनाएं अक्सर घटित होती हैं। इन क्षणों में सबसे पहले मौके पर पहुंचने की जरूरत कुशल गोताखोरों की होती है, लेकिन कई बार प्रशासन से सीधा संपर्क न होने के कारण समन्वय में कठिनाई आती है।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “गोताखोरों का कार्य अत्यंत जोखिम भरा है, और उनका अनुभव हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि उनके काम के लिए आवश्यक संसाधन और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं।”
उपकरण, प्रशिक्षण और मानदेय पर फोकस
बैठक में गोताखोरों से बचाव कार्यों में आने वाली चुनौतियां, सुरक्षा उपकरणों की जरूरत, विशेष प्रशिक्षण, और मानदेय जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन सुझावों के आधार पर प्रशासन उन्हें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अनुमंडल स्तरीय आपदा प्रबंधन टीम में जोड़ेगा, जिससे टीम की क्षमता और मजबूती बढ़ेगी।
विभिन्न विभागों को भी मिली जिम्मेदारी
एसडीएम ने मत्स्य विभाग, जल संसाधन विभाग और पर्यटन विभाग से अनुरोध किया है कि वे अपने स्तर से सूचीबद्ध गोताखोरों को इस कार्यक्रम की सूचना दें और उन्हें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें। प्रशासन का मानना है कि विभिन्न विभागों की भागीदारी से समन्वय और त्वरित कार्रवाई की क्षमता में इजाफा होगा।
न्यूज़ देखो: आपदा प्रबंधन में जनसहभागिता का सशक्त प्रयास
स्थानीय गोताखोरों को आपदा प्रबंधन से सीधे जोड़ने की यह पहल न केवल स्थानीय कौशल को पहचान देने का प्रयास है, बल्कि यह जनसुरक्षा में सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करेगी। यह एक ऐसा कदम है जो प्रशासन और जनता के बीच विश्वास और कार्यकुशलता दोनों को बढ़ाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिकता से ही बनेगा सुरक्षित समाज
जब प्रशासन और जनता मिलकर किसी मुद्दे पर काम करते हैं, तो नतीजे और भी सशक्त होते हैं। आप भी इस पहल को अधिक से अधिक लोगों तक साझा करें और अपने क्षेत्र में आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने में योगदान दें। अपने विचार और सुझाव कमेंट में ज़रूर साझा करें।