
#Reshma_Murder_Case #Latehar_Crime #Garu_Woman_Killed – हत्या के बाद बालू में दफनाई गई थी लाश, पति का अवैध संबंध भी आया सामने, पुलिस कर रही पूछताछ
- गारू थाना क्षेत्र में कोयल नदी किनारे बालू में मिली महिला की लाश
- मृतका की पहचान दो बेटियों की मां 26 वर्षीय रेशमा कुमारी के रूप में हुई
- पति मुकेश समेत ससुराल के 6 लोगों पर हत्या की एफआईआर दर्ज
- रेशमा के पति पर है अवैध संबंध और दहेज प्रताड़ना का आरोप
- हत्या का खुलासा आठ दिन बाद, आरोपी फरार, पुलिस जांच में जुटी
नदी किनारे बालू में दबा मिला शव, इलाके में सनसनी
लातेहार जिले के गारू थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है। 26 वर्षीय रेशमा कुमारी, जो दो मासूम बच्चियों की मां थी, की हत्या कर लाश को कोयल नदी किनारे बालू में दफना दिया गया। पुलिस को यह लाश 16 मई को लुहूरटांड़ गांव के पास से मिली। शव की पहचान रेशमा के रूप में हुई जो 12 मई से लापता थी।
पिता ने लगाए गंभीर आरोप
रेशमा के पिता सरयू प्रसाद, जो डालटनगंज निवासी हैं, ने रेशमा के पति मुकेश कुमार, ससुर, सास, जेठ, जेठानी और ननद पर हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि रेशमा की शादी 2016 में सुकरी निवासी मुकेश कुमार से हुई थी, जो गारू प्रखंड कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर है।
दहेज और बेटी पैदा करने को लेकर मिलती थी प्रताड़ना
एफआईआर में सरयू प्रसाद ने बताया कि रेशमा को लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। जब उसने दो बेटियों को जन्म दिया, तब ससुराल वालों का व्यवहार और भी उग्र हो गया। 2017 में रेशमा के साथ जेठ ने मारपीट की थी, जिसका केस भी थाने में दर्ज है।
अवैध संबंध बना हत्या की वजह?
रेशमा के पिता ने यह भी बताया कि उसके पति मुकेश के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे। इससे परेशान होकर रेशमा दोनों बेटियों के साथ मायके चली आई थी। 12 मई को मुकेश डालटनगंज आया और बेटियों को ले गया, उसी दिन से रेशमा लापता हो गई और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया।
आरोपी फरार, पुलिस पूछताछ में जुटी
हत्या का शक गहराने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। जब कोयल नदी किनारे लाश बरामद हुई, तो पुष्टि हो गई कि रेशमा की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपी पति मुकेश फरार है, जबकि बाकी ससुराल वालों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
न्यूज़ देखो : बेटियों को बोझ नहीं, जीवन का उजाला मानें
‘न्यूज़ देखो’ की अपील है कि बेटी होना अभिशाप नहीं, बल्कि समाज की शक्ति है। दहेज प्रथा और लिंगभेद के खिलाफ मिलकर आवाज उठानी होगी। रेशमा जैसी बेटियों को इंसाफ दिलाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हम सबकी संवेदनशीलता और सजगता आवश्यक है।