
#सिमडेगा #सड़क_विवाद : कोम्बाकेरा से बडकेतुँगा तक सड़क निर्माण अटका – विवादित जमीन और वृक्षारोपण बना बाधा, एक नवंबर को ग्राम सभा बुली
- कोम्बाकेरा-डाईर बगीचा से बडकेतुँगा तक 4.5 किलोमीटर सड़क कालीकरण कार्य जारी।
- लगभग आधा किलोमीटर हिस्सा जमीन विवाद और वृक्षारोपण के कारण रुका हुआ।
- निर्माण कार्य पूरा न रुके, इसलिए ग्राम सभा की बैठक 1 नवंबर को तय।
- बैठक में विधायक, अंचलाधिकारी, ठेकेदार, पंचायत प्रतिनिधि होंगे शामिल।
- जानकारी सड़क निर्माण मांग समिति के सदस्य जोधन सिंह ने दी।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में चल रहे सड़क निर्माण कार्य पर अब विवाद की परछाई गहराने लगी है। कोम्बाकेरा-डाईर बगीचा से बडकेतुँगा शिव मंदिर तक 4.5 किलोमीटर लंबी सड़क का कालीकरण कार्य प्रगति पर है, लेकिन लगभग आधा किलोमीटर का हिस्सा विवादित जमीन और पुराने वृक्षारोपण के कारण अधर में लटका हुआ है। इस अवरोध को सुलझाने के लिए स्थानीय लोगों ने ग्राम सभा की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जो 1 नवंबर 2025, शनिवार को दिन के 11 बजे बडकेतुँगा के छब्बील बगीचा में आयोजित की जाएगी।
निर्माण कार्य पर विवाद की जड़
जानकारी के अनुसार, सड़क का एक हिस्सा ऐसे भूखंड से गुजरता है जिस पर पहले से वृक्षारोपण योजना और निजी स्वामित्व से संबंधित विवाद चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो पूरा सड़क प्रोजेक्ट अधूरा रह जाएगा। वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि जमीन के सीमांकन और मुआवज़े की स्पष्टता के बिना आगे बढ़ना उचित नहीं होगा।
सड़क निर्माण समिति के सदस्य जोधन सिंह ने बताया: “गांव के लोग चाहते हैं कि सड़क पूरी बने, लेकिन जमीन विवाद का समाधान पारदर्शी ढंग से किया जाए। इसी उद्देश्य से सभी संबंधित पक्षों को बैठक में बुलाया गया है।”
ग्राम सभा में कौन-कौन होंगे शामिल
इस बैठक में कोलेबिरा के माननीय विधायक, अंचलाधिकारी कोलेबिरा, तसर किट आपूर्ति केंद्र रांची के प्रतिनिधि, सड़क निर्माण कार्य के ठेकेदार, पेटीदार और ग्राम पंचायत बरसलोया की मुखिया सहित कई स्थानीय पदाधिकारी शामिल होंगे।
ग्राम सभा का मकसद है कि सड़क निर्माण कार्य किसी भी राजनीतिक या व्यक्तिगत विवाद की भेंट न चढ़े और विकास कार्य रुकने न पाए।
विकास बनाम विवाद
गांव के लोगों के लिए यह सड़क सिर्फ़ आवागमन का साधन नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था और रोजगार का रास्ता भी है। बडकेतुँगा और कोम्बाकेरा जैसे इलाकों के ग्रामीण लंबे समय से इस सड़क के पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन जमीन विवाद और वृक्ष कटाई की आपत्तियों ने काम को बीच में रोक दिया है। स्थानीय लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि आगामी बैठक में इस मसले पर सर्वसम्मति से समाधान निकल आएगा।
एक ग्रामीण ने कहा: “हम सड़क चाहते हैं, झगड़ा नहीं। अगर सब मिलकर बात करें तो गांव का भला होगा।”
विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के स्थानीय विवादों को जल्द निपटाना विकास के लिए जरूरी है, क्योंकि अधूरी सड़कें केवल निर्माण कार्य नहीं रोकतीं, बल्कि गांव की प्रगति की रफ्तार भी थाम लेती हैं।
न्यूज़ देखो: विकास की राह पर संवाद जरूरी
यह विवाद दिखाता है कि विकास और जमीन के बीच संतुलन कितना नाज़ुक है। सड़क जैसी बुनियादी परियोजनाओं के लिए सहमति और संवाद सबसे अहम हैं। यदि प्रशासन, पंचायत और जनता साथ बैठकर निर्णय लें, तो विवाद नहीं—विकास आगे बढ़ेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मिलजुलकर बढ़े कदम, तभी बनेगी सड़क की राह
गांव की प्रगति आपसी एकता और संवाद से ही संभव है। अब वक्त है कि विवादों की जगह समाधान को प्राथमिकता दी जाए। विकास तभी संभव होगा जब हर पक्ष अपनी जिम्मेदारी समझे और सहयोग करे।
सजग नागरिक बनें, इस बैठक में सहभागिता बढ़ाएं और अपनी राय साझा करें।
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