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गारू प्रखंड के मायापुर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत आम बागवानी के लाभुकों के बीच पौधों का वितरण

#गारू #मनरेगायोजना : एकड़ भूमि पर 112 पौधे, ग्रामीणों ने लिया संरक्षण का संकल्प

गारू प्रखंड अंतर्गत मायापुर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत सोमवार को आम बागवानी के लाभुकों के बीच पौधों का वितरण किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभुक को एक एकड़ भूमि पर 112 आम के पौधे उपलब्ध कराए गए। इस अवसर पर पंचायत के मुखिया सुभाष कुमार सिंह और रोजगार सेवक विश्वरंजन शर्मा ने संयुक्त रूप से सभी लाभुकों को पौधे सौंपे।

पौधारोपण और देखभाल पर मार्गदर्शन

पौध वितरण के दौरान लाभुकों को न केवल पौधे दिए गए बल्कि उन्हें इन पौधों की देखभाल, सिंचाई और संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इन पौधों को सिर्फ खेती की दृष्टि से न देखें, बल्कि इसे दीर्घकालिक संपत्ति और पर्यावरण सुरक्षा के साधन के रूप में अपनाएं।

लाभुकों की सूची और उत्साह

इस मौके पर जिन लाभुकों के बीच पौधा वितरण किया गया उनमें शामिल हैं — मुमताज़ अंसारी, अमृता कुजूर, प्रदीप कुजूर, विनीत कुजूर, आनन्द बारवा, प्रभात कुजूर, संजय सिंह, विजय सिंह, संजीता मिंज, विकटोरिया कुजूर, समुद्री टोप्पो, लक्ष्मनिया केरकेट्टा, राजनाथ यादव एवं जोहानी लकड़ा। सभी लाभुकों ने पौधों की देखभाल करने और योजना का लाभ उठाने का संकल्प लिया।

मुखिया का बयान

मुखिया सुभाष कुमार सिंह ने इस पहल की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि:

“मनरेगा योजना के अंतर्गत आम बागवानी जैसी पहल न केवल किसानों की आमदनी का स्रोत बनेगी बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए हरा-भरा पर्यावरण सुनिश्चित करने का भी साधन है।”

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

ग्रामीणों ने भी इस पहल का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि इस तरह की योजनाएँ उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगी। साथ ही यह पौधे उनके बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए छाया, फल और शुद्ध वातावरण का तोहफा होंगे।

न्यूज़ देखो: मनरेगा से आत्मनिर्भरता और हरियाली

मनरेगा केवल रोजगार का साधन ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण का मजबूत आधार भी बन रहा है। आम बागवानी जैसी योजनाएँ किसानों को नई दिशा देती हैं और क्षेत्र में हरियाली का विस्तार करती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब हरियाली से होगी खुशहाली

ग्रामीण विकास की असली ताकत इसी तरह की योजनाओं में छिपी है। अब समय है कि हम सभी मिलकर पौधों की देखभाल और संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि यह प्रेरणा और भी लोगों तक पहुंचे।

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