
#नावाबाजार #कृषिप्रोत्साहन : कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम — अरहर व उरद मिनीकिट वितरण से दलहन उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
- 09 जुलाई 2025 को नावा बाजार प्रखंड में बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित
- NFSM योजना के तहत किसानों को अरहर और उरद मिनीकिट प्रदान किए गए
- कार्यक्रम में BDO, ATMA के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और सैकड़ों किसान शामिल
- बीज वितरण से दलहन उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य
- महिला और पुरुष किसानों ने बीज पाकर जताई खुशी, जताया आभार
NFSM योजना के अंतर्गत बीज वितरण का आयोजन
बुधवार, 09 जुलाई 2025 को पलामू जिला अंतर्गत नावा बाजार प्रखंड में ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)’ के तहत किसानों के बीच अरहर और उरद दाल का मिनीकिट बीज वितरण किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग के तत्वावधान में हुआ, जिसमें सैकड़ों महिला और पुरुष किसान शामिल हुए।
कार्यक्रम में अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), पंचायत समिति सदस्य, सहायक तकनीकी प्रबंधक (ATMA) नावा बाजार, वार्ड सदस्य, व अन्य कर्मियों ने भाग लिया। उपस्थित पदाधिकारियों ने किसानों को बीज वितरण के साथ-साथ सामयिक खेती से जुड़ी तकनीकों की जानकारी भी दी, ताकि उपज में बढ़ोत्तरी और उत्पादकता में सुधार लाया जा सके।
दलहन उत्पादन बढ़ाने की दिशा में प्रयास
NFSM योजना के तहत अरहर और उरद जैसे प्रमुख दलहनी फसलों के बीजों का वितरण, खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए एक मजबूत पहल है। इस योजना से किसानों को उन्नत बीज, उचित मार्गदर्शन और तकनीकी सहयोग मिल रहा है, जिससे उत्पादन लागत में कमी और लाभ में वृद्धि हो सके।
किसानों की प्रतिक्रिया
बीज प्राप्त करने वाले कई किसानों ने बताया कि यह योजना उनके लिए संजीवनी की तरह है, क्योंकि बारिश के इस मौसम में समय पर बीज उपलब्ध होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बीज के साथ तकनीकी मार्गदर्शन मिलने से वे आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए उत्साहित हैं।
एक महिला किसान गीता देवी ने कहा: “हमें समय पर बीज मिला है और अब हम खेत में अरहर और उरद की अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे हैं।”
कृषि विभाग की सक्रियता
अधिकारियों ने किसानों से संवाद करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि विभाग की ओर से भविष्य में भी इस तरह की योजनाओं का लाभ ग्रामीण अंचल तक पहुंचाया जाएगा। तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में भी विभाग प्रयासरत है।
न्यूज़ देखो: योजनाओं का ज़मीनी असर दिखा रहे हैं किसान
NFSM जैसी योजनाएं जब गांवों में ज़मीनी स्तर पर सही ढंग से लागू होती हैं, तो उसका असर सीधे किसानों की आय और जीवनशैली पर दिखाई देता है। नावा बाजार में हुआ यह बीज वितरण कार्यक्रम इसी सकारात्मक बदलाव की मिसाल है।
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खेती को सशक्त बनाने के लिए साझेदारी ज़रूरी
कृषि को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाना तभी संभव है जब योजनाएं किसानों तक समय से और पारदर्शी तरीके से पहुंचे। ऐसे प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश का खाद्य सुरक्षा तंत्र सशक्त बनेगा।
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