
#गिरिडीह #पर्यावरणसंरक्षण : समाहरणालय सभागार में बैठक कर प्रदूषण नियंत्रण और हरियाली बढ़ाने के लिए कई सख्त निर्देश दिए गए
- उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक हुई।
- प्रमुख चौक-चौराहों पर वायु गुणवत्ता डिस्प्ले बोर्ड लगाने का आदेश।
- औद्योगिक इकाइयों में ESP मशीन इंस्टॉल करने और तकनीकी खामियों को दूर करने के निर्देश।
- उसरी नदी की सफाई और संरक्षण को प्राथमिकता देने पर जोर।
- सीसीएल परियोजना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पौधारोपण करने का निर्णय।
- नर्सिंग होम और अस्पतालों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण और C.T.O. अनिवार्यता पर सख्ती।
गिरिडीह समाहरणालय सभागार में गुरुवार को जिला पर्यावरण समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त रामनिवास यादव ने की। इसमें जिले में बढ़ते प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए जाने वाले कदमों की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि पर्यावरणीय मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाए और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक के मुख्य निर्णय
बैठक में सबसे पहले प्रमुख चौक-चौराहों पर वायु गुणवत्ता डिस्प्ले बोर्ड लगाने पर जोर दिया गया, ताकि आम जनता को वायु गुणवत्ता की जानकारी मिल सके। इसके अलावा सभी औद्योगिक इकाइयों में ESP मशीन इंस्टॉल करने और उनकी तकनीकी खामियों को तुरंत दूर करने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने चेतावनी दी कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उसरी नदी की सफाई और संरक्षण पर फोकस
बैठक में गिरिडीह की जीवनरेखा मानी जाने वाली उसरी नदी की सफाई और संरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया। उपायुक्त ने कहा कि नदी के किनारे किसी भी तरह का अवैध कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई होगी।
उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा: “प्रदूषण नियंत्रण हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। जिले में हर हाल में पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।”
वृक्षारोपण और हरियाली बढ़ाने की पहल
उपायुक्त ने सभी विभागों को अधिक से अधिक पौधारोपण करने का निर्देश दिया। खासतौर से सीसीएल परियोजना क्षेत्र में वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। उन्होंने कहा कि आने वाले मानसून में बड़े पैमाने पर हरियाली लाने के लिए लक्ष्य तय किया जाए।
कचरे के निस्तारण पर सख्ती
बैठक में औद्योगिक कचरे के निस्तारण को लेकर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयां समय पर कचरे का निस्तारण सुनिश्चित करें। वहीं नर्सिंग होम और अस्पतालों के लिए कचरे के समय पर निस्तारण और C.T.O. (Consent to Operate) अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए।
कौन-कौन रहे मौजूद
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, खनन पदाधिकारी, नगर निगम प्रतिनिधि, सीसीएल अधिकारी सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। सभी को अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

न्यूज़ देखो: हरित भविष्य की ओर गिरिडीह की बड़ी पहल
गिरिडीह जिला प्रशासन का यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरित भविष्य की नींव रखेगा। यदि इन निर्णयों का सख्ती से पालन किया गया, तो प्रदूषण नियंत्रण में बड़ी सफलता मिलेगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मिलकर करें पर्यावरण की रक्षा
स्वच्छ हवा और हरियाली के लिए प्रशासन के साथ जनता की भागीदारी जरूरी है। आप भी अपने आस-पास सफाई रखें, वृक्षारोपण करें और प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाएं। अपनी राय कमेंट में लिखें, खबर को साझा करें और जागरूकता फैलाएं।