
#मेदिनीनगर #जेल_निरीक्षण – बंदियों के अधिकार और विधिक सहायता की समीक्षा, महिला वार्ड और पाकशाला तक किया गया निरीक्षण
- प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश दिवाकर पांडेय ने किया केंद्रीय कारा का औचक निरीक्षण
- बंदियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना
- जेल में सभी बंदियों को अधिवक्ता की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश
- महिला वार्ड और पाकशाला की व्यवस्था को सुधारने के दिए निर्देश
- बिना अपील वाले मामलों के डेटा संग्रह और त्वरित कार्यवाही के आदेश
- डालसा के माध्यम से बंदियों को मिल रही मुफ्त कानूनी सहायता पर बल
विधिक अधिकारों के प्रति जागरूकता और लीगल सपोर्ट पर न्यायाधीश का फोकस
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर पलामू के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष दिवाकर पांडेय ने शनिवार को केंद्रीय कारा मेदिनीनगर का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ डालसा के प्रभारी सचिव सौरभ कुमार गौतम भी उपस्थित रहे। इस निरीक्षण का उद्देश्य था — बंदियों को उनके विधिक अधिकारों की जानकारी देना और कारा की व्यवस्थाओं का भौतिक मूल्यांकन करना।
हर बंदी को अधिवक्ता का सहयोग मिलना चाहिए: दिवाकर पांडेय
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश दिवाकर पांडेय ने महिला एवं पुरुष बंदियों से मिलकर उनकी समस्याएं जानी। उन्होंने कहा:
“कोई भी बंदी अधिवक्ता के बिना नहीं रहना चाहिए। डालसा इसके लिए जागरूकता शिविर चला रहा है ताकि हर बंदी अपने केस की स्थिति को समझ सके और आवश्यक कार्यवाही कर सके।”
उन्होंने एलएडीसी (Legal Aid Defense Counsel) के अधिवक्ताओं को निर्देश दिया कि जिन बंदियों की अपील उच्च न्यायालय में दाखिल नहीं है, उनका डेटा तुरंत एकत्र कर अपील दाखिल की जाए।
महिला वार्ड और पाकशाला की व्यवस्थाओं का लिया जायजा
महिला वार्ड का विशेष निरीक्षण करते हुए न्यायाधीश ने वहां रह रहीं बंदियों से बात की और जाना कि अधिकांश ने जमानत एवं अपील की अर्जी दाखिल की है। कुछ ने सरकारी अधिवक्ता के माध्यम से और कुछ ने निजी अधिवक्ता के जरिये अपनी कानूनी प्रक्रिया पूरी की है।
पाकशाला (रसोईघर) की स्वच्छता और व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई। न्यायाधीश ने कारा अधीक्षक को निर्देश दिया कि महिला वार्ड और पाकशाला को बेहतर और व्यवस्थित बनाया जाए।
लीगल एड के माध्यम से हो रहा जमानत और रिवीजन का कार्य
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के माध्यम से बंदियों को जमानत, अपील, रिवीजन सहित सभी विधिक कार्यों में मुफ्त सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा:
“जेल में प्रतिदिन लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्ता आते हैं, बंदी उनसे मिलकर अपने केस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।”
बंदियों को अपने केस के बारे में पूर्ण जानकारी रखने और उसमें होने वाली कार्यवाही को समझने की सलाह दी गई।
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