
#गढ़वा #बालूखनन : उपायुक्त दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर दिया गया जोर
- झारखंड बालू खनन नियमावली-2025 के प्रावधानों पर बैठक आयोजित।
- जिले में 18 बालूघाटों की ई-नीलामी प्रक्रिया पर चर्चा।
- उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने पारदर्शिता और समयबद्धता पर बल दिया।
- एक व्यक्ति/एजेंसी को अधिकतम दो बालूघाट आवंटित होंगे।
- समिति के सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठक में रहे उपस्थित।
गढ़वा में समाहरणालय सभागार में आज जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई। यह बैठक उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई, जिसमें झारखंड सरकार द्वारा लागू बालू खनन नियमावली-2025 के तहत जिले में बालूघाटों के संचालन और ई-नीलामी प्रक्रिया पर विस्तार से मंथन किया गया।
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि आगामी नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह स्वच्छ, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो। उन्होंने कहा कि नीलामी में पारदर्शिता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है ताकि जनता को इसका अधिकतम लाभ मिले और बालूघाटों का संचालन व्यवस्थित रूप से किया जा सके।
जिले में 18 बालूघाट चिन्हित
इस अवसर पर जिला खनन पदाधिकारी राजेंद्र उरांव ने जानकारी दी कि जिले की सोन एवं उत्तरी कोयल नदी से कुल 18 बालूघाटों को चिन्हित किया गया है। इनका आवंटन पूरी तरह ऑनलाइन ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नीलामी में एक व्यक्ति या एजेंसी को अधिकतम दो बालूघाट ही मिल सकेंगे और पूरे राज्य में भी किसी को दो से अधिक बालूघाट आवंटित नहीं किए जाएंगे।
समिति के अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में समिति के सभी पदाधिकारी सक्रिय रूप से मौजूद रहे। इनमें अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, कोषागार पदाधिकारी प्रशांत मिंज, कार्यपालक अभियंता डेविड तिर्की, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी चंद्रशेखर पटेल सहित अन्य सदस्य शामिल हुए।
न्यूज़ देखो: ई-नीलामी से होगी पारदर्शी व्यवस्था
गढ़वा में बालूघाटों की नीलामी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की यह पहल दर्शाती है कि सरकार और प्रशासन अब प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में ई-गवर्नेंस और जवाबदेही पर जोर दे रहे हैं। इससे न केवल अवैध खनन पर रोक लगेगी बल्कि आमजन को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
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संसाधनों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
गढ़वा प्रशासन की इस पारदर्शी पहल से स्पष्ट है कि प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा अब प्राथमिकता है। अब वक्त है कि हम सभी जिम्मेदार नागरिक बनकर इस प्रक्रिया का समर्थन करें और अवैध खनन जैसी गतिविधियों को हतोत्साहित करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक बनें।