गढ़वा: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें कुल 25 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। स्क्रूटनी की प्रक्रिया 28 अक्तूबर को होगी, जिसके बाद से निर्वाचन आयोग ने डमी प्रत्याशियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है। अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार ने साफ किया है कि चुनावी खर्चे से बचने या गुमराह करने के लिए डमी प्रत्याशी खड़ा करना इस बार महंगा साबित हो सकता है।
क्या है डमी प्रत्याशी का खेल?
डमी प्रत्याशी चुनाव में मुख्य उम्मीदवार के पक्ष में काम करते हुए खर्च को बचाने का प्रयास करते हैं। अक्सर यह देखा गया है कि कुछ दल या प्रत्याशी ऐसे डमी कैंडिडेट खड़े कर देते हैं, जो चुनाव प्रचार में अप्रत्यक्ष तरीके से उनकी मदद करते हैं। डमी प्रत्याशी के नाम पर वाहनों की अनुमति ली जाती है, जो बाद में मुख्य उम्मीदवार के प्रचार में उपयोग होती है। यह निर्वाचन आयोग के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, और इस बार प्रशासन ऐसे प्रयासों पर सख्त नजर रखने को तैयार है।
कैसे होगी डमी प्रत्याशी की पहचान?
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइनों के अनुसार, अगर किसी उम्मीदवार के प्रचार वाहनों पर अन्य उम्मीदवार के समर्थक, बैनर, या पोस्टर नजर आते हैं, तो उन्हें डमी उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। इसके अलावा, अगर किसी प्रत्याशी या उनके समर्थक प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगते हुए देखे जाते हैं, तो यह भी उन्हें डमी उम्मीदवार के रूप में वर्गीकृत करने का आधार बनेगा।
आम नागरिकों और खुफिया तंत्र का सहारा
एसडीओ संजय कुमार ने बताया कि डमी उम्मीदवारों की पहचान के लिए आम जनता से फीडबैक और गोपनीय सूचनाएं जुटाई जाएंगी। इसके साथ ही, प्रशासन खुफिया एजेंसियों की भी मदद लेगा ताकि ऐसे उम्मीदवारों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। उड़नदस्ता दल और वीडियो सर्विलांस टीमें भी डमी उम्मीदवारों की निगरानी में तैनात रहेंगी, और सभी वाहनों की जांच होगी। अगर पर्याप्त साक्ष्य मिलते हैं तो भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।
तुरंत नोटिस जारी होगा
अगर किसी प्रत्याशी द्वारा या उनके समर्थकों द्वारा किसी अन्य उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार किया जाता है, तो चुनाव आयोग तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। इसके साथ ही, जिस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार हो रहा होगा, उसे भी नोटिस भेजा जाएगा। इस प्रकार का सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन ने साफ किया है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
एसडीओ संजय कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी डमी प्रत्याशी को चुनावी प्रबंधन के लिए अनुमति लेने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी, और हर स्तर पर उनकी गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जाएगी।
इस बार के चुनाव में, गढ़वा क्षेत्र में डमी प्रत्याशी बनने के जोखिम के चलते यह प्रयास किया जाएगा कि प्रत्याशी अपने वास्तविक चुनावी अभियान पर ही ध्यान केंद्रित करें।