- गढ़वा में डीसी के निर्देश पर एसडीओ के नेतृत्व में ईंट भट्टों की जांच।
- बोंगासी में एक भट्टे पर बाल श्रम और बनपुरवा में अनुमन्य सीमा से अधिक उत्पादन।
- भट्ठा मालिकों को सख्त हिदायत और नियमानुसार कार्रवाई की चेतावनी।
- सप्ताह में कम से कम एक दिन संयुक्त जांच की योजना।
ईंट भट्टों की जांच
शनिवार को गढ़वा के तिलदाग और बोंगासी क्षेत्र में चल रहे ईंट भट्टों की संयुक्त जांच की गई। जांच दल का नेतृत्व सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार ने किया। टीम में श्रम अधीक्षक, जिला खनन पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी भी शामिल थे।
बाल श्रम और अनियमित उत्पादन
बोंगासी के एक ईंट भट्ठे में बच्चों को काम करते पाया गया, जिस पर एसडीओ ने अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने और नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं, बनपुरवा के एक ईंट भट्ठे में अनुमन्य सीमा से अधिक ईंट निर्माण हो रहा था। इस पर एसडीओ ने अतिरिक्त उत्पादन का आकलन कर जुर्माना लगाने और कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कोयला परिवहन और मजदूरी की जांच
जांच के दौरान एक भट्ठे पर कोयला अनलोड होते पाया गया। अधिकारियों ने कोयला परिवहन से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की। इसके साथ ही मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है या नहीं, इसकी भी जांच की गई।
एसडीओ की सख्त चेतावनी
एसडीओ संजय कुमार ने सभी ईंट भट्ठा मालिकों को निर्देश दिया कि वे नियमानुसार संचालन सुनिश्चित करें। किसी भी अनियमितता पर संबंधित भट्टों को अवैध घोषित कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जांच दल द्वारा सप्ताह में एक दिन संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा।
जांच दल में शामिल अधिकारी
जांच दल में श्रम अधीक्षक संजय आनंद, अंचल अधिकारी सफी आलम, जिला खनन पदाधिकारी राजेंद्र उरांव, और जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अशोक नायक शामिल थे। जिन भट्टों की जांच की गई, उनमें राजू तिवारी, सोनू तिवारी, सुभाष दुबे, और चुनमुन दुबे के भट्ठे शामिल हैं।
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