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बरवाडीह में घरेलू विवाद ने छीनी जान: पत्नी से झगड़े के बाद युवक ने कुएं में कूदकर दी जान

प्रतिकात्मक चित्रण्

#Latehar #Barwadih : हरातू पंचायत में घरेलू विवाद ने ली जान — शराब, हिंसा और अनियंत्रित गुस्से ने बिगाड़ी जिंदगी

विवाद से मौत तक:

लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के हरातू पंचायत में एक घरेलू विवाद ने रविवार को त्रासदी का रूप ले लिया। रतन सिंह, जो नशे की हालत में था, ने शनिवार की रात पत्नी के साथ किसी बात पर झगड़ा किया और दुर्व्यवहार किया। विवाद इतना बढ़ गया कि उसने पत्नी के संवेदनशील अंगों पर हमला कर दिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

फरारी से कुएं में छलांग तक

झगड़े के बाद रतन सिंह घर से फरार हो गया। ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंपने की योजना बनाई थी। लेकिन शायद गिरफ्तारी के डर से या आत्मग्लानि के कारण, रविवार को उसने अपने घर के पास स्थित कुएं में छलांग लगा दी। ग्रामीणों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन नशे की हालत में होने के कारण वह डूब गया और मौके पर ही मौत हो गई

पुलिस की कार्रवाई और जांच

घटना की सूचना मिलते ही छिपादोहर थाना प्रभारी यकीन अंसारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर लातेहार पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बाद में परिजनों को सौंप दिया। थाना प्रभारी ने बताया:

“मामले को यूडी केस के तहत दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के वास्तविक कारण स्पष्ट होंगे। अगर जांच में किसी के उकसाने की बात सामने आती है, तो संबंधित पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।”

मुखिया प्रतिनिधि का बयान

हरातू पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि जनेश्वर सिंह ने कहा कि यह पूरी घटना घरेलू विवाद और शराब के कारण हुई। उन्होंने कहा:

“रतन सिंह शराब के नशे में था और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था। विवाद के बाद उसने हिंसक रुख अपनाया और भाग गया। ग्रामीणों ने उसे पकड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन उसने खुद अपनी जान दे दी।”

सामाजिक संदेश: घरेलू कलह और नशे का दुष्परिणाम

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि शराब की लत और घरेलू हिंसा किस तरह जिंदगी तबाह कर देती है। गुस्सा और अहंकार के बीच संतुलन खोना न केवल रिश्ते तोड़ता है, बल्कि जीवन भी समाप्त कर देता है

न्यूज़ देखो: संवेदनशीलता और संवाद की जरूरत

बरवाडीह की यह घटना समाज के लिए एक गंभीर संदेश है। घरेलू विवादों को बातचीत से सुलझाना ही समाधान है, न कि हिंसा और आत्मघाती कदम। प्रशासन को भी ऐसे मामलों में जनजागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि शराब और गुस्से की वजह से कोई और जान न जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग रहें, बदलाव लाएं

हम सभी को घरेलू विवादों में संवाद और धैर्य का रास्ता अपनाना चाहिए। हिंसा या आत्महत्या कभी समाधान नहीं है। अपनी राय हमें कमेंट में लिखें, इस खबर को शेयर करें और इसे उन तक पहुंचाएं जिन्हें इसकी जानकारी होनी चाहिए।

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