
#बिरनी #ElephantAttack : आधी रात को छह हाथियों ने गांव में मचाया तांडव — वन विभाग की निष्क्रियता पर फूटा गुस्सा
- छह हाथियों का झुंड डोमनासिंघा गांव में घुसा और घरों में मचाया उत्पात।
- भादो सिंह के घर को बनाया निशाना, चावल-दाल खाए और दरवाजे तोड़े।
- हजारों रुपये की संपत्ति का नुकसान होने का अनुमान।
- हाथी पिछले कई दिनों से इलाके में सक्रिय, लेकिन वन विभाग नदारद।
- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सायरन से हाथियों को भगाया।
- मुखिया प्रतिनिधि ने मुआवजे का भरोसा दिलाया।
आधी रात का आतंक: जब गांव में घुसे छह हाथी
बिरनी प्रखंड के कुसमई पंचायत अंतर्गत डोमनासिंघा गांव के लोग उस रात को शायद कभी नहीं भूल पाएंगे। सोमवार देर रात लगभग 3 बजे, जब पूरा गांव गहरी नींद में था, छह हाथियों का एक झुंड गांव में घुस आया और अफरातफरी मच गई।
इस झुंड ने गांव निवासी भादो सिंह के घर को अपना मुख्य निशाना बनाया। हाथियों ने घर के अंदर घुसकर चावल, दाल, पूआला खाया और फिर खिड़की-दरवाजों को तोड़ डाला। गांव वालों का कहना है कि सिर्फ कुछ ही मिनटों में हजारों की संपत्ति नष्ट हो गई।
पीड़ित भादो सिंह ने बताया: “हाथियों ने घर का सारा सामान तहस-नहस कर दिया। जान बचाने के लिए हमें घर छोड़कर भागना पड़ा। अब घर में कुछ भी सुरक्षित नहीं बचा।”
वन विभाग की लापरवाही बनी ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों ने बताया कि यह हाथी दल पिछले कई दिनों से इलाके में घूम रहा है, लेकिन वन विभाग की ओर से न कोई गश्ती, न कोई माइकिंग, और न ही कोई हाथी भगाने की रणनीति अपनाई गई। इससे ग्रामीणों में जबरदस्त डर और गुस्सा है।
स्थानीय ग्रामीण सुशील महतो ने कहा: “क्या वन विभाग किसी की जान जाने का इंतज़ार कर रहा है? अब तो हमारे घर तक उजड़ने लगे हैं, लेकिन विभाग अभी भी सो रहा है।”
पुलिस की फुर्ती से टला बड़ा हादसा
घटना की जानकारी मिलते ही भरकट्टा ओपी के प्रभारी आनंदी प्रसाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने सायरन बजाकर हाथियों को गांव से बाहर खदेड़ा। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ तात्कालिक राहत है, हाथी फिर लौट सकते हैं।
इस बीच, मुखिया प्रतिनिधि मुजाहिद अंसारी ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें वन विभाग से मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया।
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग
घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। कई परिवार रात में जागकर पहरा देने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल हाथियों को खदेड़ने, मुआवजा देने और इलाके में नियमित निगरानी की मांग की है।
न्यूज़ देखो: जंगलों की सुरक्षा बनाम ग्रामीणों का भय
डोमनासिंघा की यह घटना हाथी-मानव संघर्ष की जमीनी सच्चाई को उजागर करती है। एक ओर वन्यजीवों की सुरक्षा, दूसरी ओर मानव बस्तियों का संकट। लेकिन इस संघर्ष में अगर विभाग निष्क्रिय रहा, तो यह ग्रामीणों की जान और आजीविका पर भारी पड़ सकता है।
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