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गढ़वा में मानवता की दोहरी मिसाल: राकेश गुप्ता का 50वां रक्तदान, चंदन केशरी ने फिर निभाया सेवा धर्म

#गढ़वा #रक्तदान — टीम दिल का दौलत के राकेश और चंदन ने दिखाया मानवीयता का असली चेहरा

रक्तवीर राकेश गुप्ता: 50 बार जीवन बचाने वाला योद्धा

गढ़वा शहर रविवार को उस क्षण का साक्षी बना, जब वरिष्ठ रक्तदाता राकेश गुप्ता ने 50वीं बार रक्तदान कर मानवीय सेवा का ऐतिहासिक उदाहरण प्रस्तुत किया। राकेश गुप्ता के इस समर्पण भाव ने गढ़वा में सेवा संस्कार की एक नई ऊंचाई तय कर दी है। उनका यह रक्तदान केवल संख्या नहीं, बल्कि संवेदना, सतर्कता और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रमाण है।

“मानव जीवन की रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म है। जब तक शरीर स्वस्थ है, सेवा करता रहूंगा।”
राकेश गुप्ता, रक्तदाता

चंदन केशरी: नए जोश से प्रेरित नई पीढ़ी की भूमिका

टीम दिल का दौलत के सक्रिय सदस्य चंदन कुमार केशरी ने A+ रक्तदान कर एक महिला मरीज को नई जिंदगी दी। यह उनका पहला रक्तदान नहीं था, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उनकी तत्परता और संवेदना ने लोगों का दिल जीत लिया।

“सेवा संगठन से नहीं, सोच से होती है। मैं जब भी ज़रूरत होती है, आगे खड़ा मिलूंगा।”
चंदन कुमार केशरी, रक्तदाता

साथियों की उपस्थिति से और मजबूत हुआ मनोबल

इस दोहरी उपलब्धि के साक्षी बने टीम दिल का दौलत के प्रेरणास्रोत साथी — विशाल कुमार, विवेक कुमार, पवन सोनी, अश्विनी कुमार सिंहा, रूपेश गुप्ता, सन्नी जायसवाल, अविनाश कमलापुरी और डॉ. आलोक कश्यप, जिन्होंने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया।

टीम संयोजक युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने कहा:

“राकेश जी का 50वां रक्तदान और चंदन भाई का सेवा भाव हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। हम समय और परिस्थिति की परवाह किए बिना सेवा के लिए तैयार रहते हैं।”
दौलत सोनी, संयोजक, टीम दिल का दौलत

जब रक्तदान बन गया जन-जागृति का प्रतीक

यह दिन केवल रक्तदान का नहीं, बल्कि समाज की चेतना का उत्सव था। टीम दिल का दौलत का कार्य अब केवल सेवा तक सीमित नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुका है — जहाँ हर सदस्य “रक्तदान = जीवनदान” की भावना से जुड़ा है।

न्यूज़ देखो : सेवा के हर रंग को सलाम

गढ़वा जैसे ज़िले में जब आम लोग असाधारण सेवाएं देते हैं, तब उम्मीदों की रोशनी और तेज़ हो जाती है। टीम दिल का दौलत जैसे संगठन यह दिखाते हैं कि रक्तदान केवल ज़रूरत नहीं, एक सोच और संस्कार है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए, हम भी बनें जीवनदाता

आज जब समाज को संवेदनशील और सक्रिय नागरिकों की ज़रूरत है, तो राकेश गुप्ता और चंदन केशरी जैसे उदाहरण प्रेरणा देते हैं कि कैसे हर आम नागरिक असाधारण बन सकता है — बस सेवा का भाव ज़िंदा होना चाहिए।

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